PATNA : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन लालू यादव की मुश्किलें उनके बड़े लाल तेज प्रताप यादव लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. दिल्ली एम्स में लालू यादव का इलाज चल रहा है राहत की बात यह है कि वह आईसीयू से फिलहाल बाहर आ चुके हैं लेकिन उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव आरजेडी के दिग्गज नेताओं को लेकर जिस तरह बयान बाजी कर रहे हैं उससे लालू की मुश्किलें बढ़ गई है.
पिछले दिनों आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ जहर उगलने वाले तेज प्रताप यादव को लालू यादव ने दिल्ली बुलाया है. सूत्रों की मानें तो तेज प्रताप के बयान से लालू बेहद आहत हैं. विधानसभा चुनाव के पहले जब तेज प्रताप यादव ने रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर बयानबाजी की थी उस वक्त भी लालू यादव ने तेज प्रताप को रांची रिम्स में तलब किया था, उन्हें समझाया बुझाया था लेकिन तेजप्रताप पर इसका कोई खास असर नहीं हुआ. लालू यादव इस बात को बखूबी समझ रहे हैं कि उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी के दिग्गज नेताओं को नेतृत्व के साथ जुड़े रखना बेहद जरूरी है, लेकिन तेज प्रताप अपने पिता की इस रणनीति से उलट लगातार आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उन्होंने पहले रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया तेज प्रताप का बयान के निधन के बाद तक के विरोधियों के लिए मुद्दा बना रहा.
अब तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पिछले दिनों आरजेडी कार्यालय पहुंचे तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. आरजेडी के अंदर लोकतंत्र खत्म हो चुका है और प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के लिए नेताओं कार्यकर्ताओं से स्लिप मांगते हैं. फिर प्रताप ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ उस वक्त बयान बाजी कि जिस वक्त जगदानंद सिंह आरडी कार्यालय में मौजूद थे प्रताप ने कहा कि जगदानंद सिंह में उनका बाहर निकल कर स्वागत तक नहीं किया. इस पूरे प्रकरण के बाद लगातार विरोधी या आरोप लगा रहे हैं कि लालू यादव अपने परिवार के लोगों से आरजेडी के बड़े नेताओं को भला बुरा सुनवा रहे हैं.
तेज प्रताप यादव के बयान पर आरजेडी के किसी नेता ने कोई सीधी प्रतिक्रिया तो नहीं दी लेकिन पार्टी के अंदर इसे लेकर माहौल गर्म है. जगदानंद सिंह के समर्थक के तेज प्रताप के बयान से नाराज हैं. खुद तेजस्वी यादव भी तेज प्रताप के बयान को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं, लेकिन जगदानंद सिंह के विरोधी खेमे को इसमें मजा मिल रहा है. अब देखना होगा कि अपने बड़े लाल को लालू किस तरह समझाते हैं. जगदानंद सिंह को लेकर पार्टी कैसे डैमेज कंट्रोल कर पाती है और क्या तेजप्रताप यादव लालू की बात मानते हैं या फिर रघुवंश प्रकरण की तरह जगदानंद प्रकरण के बाद किसी दूसरे बड़े नेता पर भी आगे अपनी भड़ास निकालते हैं.