बिजली की बढ़ी दरों पर विधानसभा में BJP का हंगामा, मंत्री बोले... वृद्धि नहीं होगा वापस, गरीबों के जेब पर नहीं पड़ेगा कोई असर

 बिजली की बढ़ी दरों पर विधानसभा में  BJP का हंगामा, मंत्री बोले...  वृद्धि नहीं होगा वापस, गरीबों के जेब पर नहीं पड़ेगा कोई असर

PATNA : बिहार में कल बिजली के दरों में इजाफा को लेकर प्रस्ताव लाया गया। जिसके बाद इसको लेकर बिहार की बस में बैठी पार्टी भाजपा की तरफ से जोरदार विरोध किया जा रहा है। आज भी सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायक ने बिहार बिजली बिल में प्रस्तावित बढ़ोतरी पर भारी हंगामा किया है। रिपोर्टिंग टेबल को पटक डाला।  जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि, यह तानाशाही रवैया नहीं चलेगा आप लोग तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। 


जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा को बोलने का मौका दिया गया। विजय सिन्हा ने कहा कि बिजली बिल पर पर्दे का जो फैसला है वह गलत है सरकार प्रस्तावित वृद्धि लें। वहीं, विजय सिन्हा के सवालों का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि, वृद्धि को वापस नहीं लिया जाएगा। इससे गरीबों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


दरअसल,आज सुबह से ही बिहार विधानसभा के अंदर बिहार में बढ़े बिजली बिल के प्रस्ताव को लेकर भाजपा के तरफ से हंगामा किया जा रहा था। इसके बाद जब आप सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, बिजली बिल में बढ़ोतरी से आम लोगों के साथ-साथ उद्योगों पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सरकार विद्युत वृद्धि को वापस ले।


इसका जवाब देते हुए उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि, बिजली बिल वृद्धि का निर्णय रेगुलेटरी बोर्ड लेता है। बाजपेयी जी के समय में ही रेगुलटरी कमिसन को बिजली बिल पर फैसला लेने का हक़ दिया गया था। चार सालों से कोई वृद्धि नहीं हुई थी। बिजली बिल की बढ़ोतरी से गांव-गरीबों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम यह आश्वस्त करते हैं। 


आपको बताते चलें कि, गुरुवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर बढ़ोतरी की मंजूरी दी। विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर में 24.10 फीसदी की बढ़ोतरी की मंजूरी दी। सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर प्रति यूनिट बिजली दर तय की जाएगी।  बिजली कंपनियों ने 40 फीसदी दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। फिक्स चार्ज में दोगुना से अधिक करने का प्रस्ताव दिया था। प्रस्ताव में बिजली कंपनियों ने बिजली आपूर्ति खर्च में हुई वृद्धि का तर्क दिया था, लेकिन आयोग ने कंपनियों के प्रस्ताव को नहीं माना।