India pakistan war 2025: जानिए क्या होता है 'काइनेटिक' और 'नॉन-काइनेटिक' हमला...भारत ने पाकिस्तान पर किया दोनों का इस्तेमाल! India Pakistan War: पाकिस्तान की मदद करने खुलकर मैदान में उतरा तुर्की, इस गद्दार को सबक सिखाने का भारत के पास सुनहरा अवसर S-400 Missile defence system: पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को भारत ने S-400 डिफेंस सिस्टम से किया नाकाम, जानिए इस घातक हथियार की खासियत Bihar News: दोस्तों के संग नहाने गया नाबालिग... लौटा ही नहीं, गाँव में छाया मातम Indian Army response: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम, भारतीय सेना ने L-70 और शिल्का सिस्टम से दिया करारा जवाब Bihar News: शनिवार को इस रेलखंड पर 7 घंटे का मेगा ब्लॉक, 10 ट्रेनें रद्द, कई रिशेड्यूल Social media rumor: भारत के हवाई अड्डों पर एंट्री बैन की खबर फर्जी, सरकार ने कहा- अफवाहों से बचें Bihar News: सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग अब कार्य के अनुसार, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, नए नियम जारी Bihar border alert: भारत-पाक तनाव के बीच बिहार में हाई अलर्ट, सीमांचल में कल सीएम नीतीश की अहम बैठक S-400: भारत के कई शहरों को बर्बादी से बचाने वाला 'सुदर्शन', कभी USA को ठेंगा दिखाते हुए भारत ने 'सच्चे मित्र' से था खरीदा
1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Jun 2022 09:10:36 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: स्वामी सहजानन्द ने जो जमींदारी का अभियान छेड़ा था वह देश भर में फैल गया है। बिहटा के श्री सीताराम आश्रम में स्वामी सहजानन्द सरस्वती शिक्षण और खेल केंद्र का उदघाटन किया गया। खास बात तो यह है कि इसका उद्घाटन तामिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने किया। खेल केंद्र के साथ -साथ स्वामी सहजानन्द सरस्वती से जुड़े पत्रों, तस्वीरों उनके उद्धरणों, सहजानन्द के बारे में लिखे गए महापुरुषों के विचारों पर आधारित म्युजियम का भी उदघाटन किया गया। उदघाटन के साथ ही म्युजियम को सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया। इस मौके पर कर्नल डॉ ए. के सिंह ने चिंताहरण सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट द्वारा जीर्णोद्धार कार्यक्रम के शिलापट्ट का लोकार्पण भी किया गया।
सीताराम आश्रम ट्रस्ट के सचिव डॉ सत्यजीत सिंह ने कहा कि स्वामी सहजानन्द का व्यक्तित्व विकासमान रहा। उन्होंने सन्यासी के रूप के अपना जीवन शुरू किया और बाद में किसानों-मज़दूरों के लिए काम करना शुरू किया।
वहीं श्री सीताराम आश्रम के ट्रस्टी कैलाशचंद्र झा ने कहा कि स्वामी सहजानन्द का नाम अब हमारे प्रधानमंत्री भी ले रहे हैं। जब अकादमिक जगत में स्वामी के कार्यों की उपेक्षा की गई लेकिन उनपर का किया अमेरिका के वर्जीनिया विश्विद्यालय के वाल्टर हाउज़र ने किया। वाल्टर हाउज़र 1957 में भारत आये। उन्होंने काफी कोशिश की जिसु सीताराम आश्रम की सामग्रियों को संरक्षित किया जा सके। जब इसमें असफल रहे तो उन सामग्रियों को अमेरिका में ले गए। 2015 से इन सामग्रियों के लाने की प्रक्रिया शुरू हुई। 2017 में वाल्टर हाउज़र ने उन सामग्रियों को लौटा दिया। हमलोग दस्तावेज आये हैं उन सबका डिजिटाइजेशन करने का प्रयास किया जा सके।
इस मौके पर बिहटा, बिक्रम, नौबतपुर, पटना से बुद्धीजीवी और बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे। प्रमुख लोगों में जी.एन शर्मा, लवकुश कुमार, अजीत सिंह, उदय राज उदय, मुन्ना सिंह, उज्ज्वल कुमार, गोपाल शर्मा, आभा झा, विभा सिंह, रंजीत सिंह, संजीत सिंह, विनेश सिंह, निखिल कुमार, शिवम, कुमार वरुण, राकेश कुमुद, प्रमोद कुमार, धनन्जय, मुकेश कुमार, रंजन, सरोज, अविनाश, शत्रुघ्न, अनिल, खुशबू, सत्या शर्मा मौजूद रहें।