NALNDA : बिहार में सबसे कम वर्किंग डे में सूबे में पहली बार कोई फैसला सुनाया गाय है. 9 कार्य दिवस में मामले की सुनवाई करते हुए नाबालिक के रेप के दोषी किशोर को सजा सुनाई गई है.
किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने महज 9 कार्य दिवस में मामले की सुनवाई करते हुए 6 साल की बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म के मामले में आरोपी किशोर को आईपीसी और पास्को की धाराओं में तीन-तीन वर्ष की सजा दी है. दोनों सजा एक साथ चलेंगी. अभियुक्त की उम्र 16 वर्ष से 2 माह कम है इसलिए उसे स्पेशल होम पटना में रखा जाएगा.
दरअसल 26 जुलाई 2020 की दोपहर 6 साल की बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी तभी दूर के रिश्ते में लगने वाले चाचा और पड़ोसी उसे अकेला पाकर अपने घर बहला-फुसलाकर ले गया और बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. बच्ची रोते हुए अपने घर आई और घरवालों को सारी बात बताई. जानकारी दिए जाने के बाद ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में अभियोजन के तरफ से आठ गवाह, जबकि बचाव पक्ष से दो गवाहों का परीक्षण किया गया.
लेकिन आरोपी की उम्र 15 वर्ष 10 माह 13 दिन होनों के कारण उसे तीन साल की सजा सुनाई गई. यह सूबे का पहला मामला है, जिसमें महज नौ सुनवाई में ही निष्पादन कर दिया गया.