PATNA : अमूमन फरवरी माह में ठंड से राहत मिलने लगती है. लेकिन राजधानी समेत पूरे सूबे में इस बार ठंड अधिक समय तक रहेगी. दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और अधिकता राज्य के मौसम को प्रभावित रही है. जलवायु और मौसम के जानकार इसके पीछे जलवायु परिवर्तन को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं.
फरवरी का तापमान पिछले सात सालों में सबसे कम है.आइएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 48 घंटे में प्रदेश के औसत तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज होने के आसार हैं. पछुआ हवा के आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहने की वजह से ठंड का अनुभव अधिक हो रहा है. हालांकि अगले 24 घंटे में उत्तर मध्य और उत्तरपूर्व में हल्की बारिश हो सकती है.
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा बताते हैं कि इस परिवर्तन ने न केवल मानसून सीजन को बल्कि शनि शीतकालीन सत्र को भी पूरी तरह प्रभावित किया है. इन दिनों बादलों की उग्रता यानी भारी बारिश और गरज की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
अभी फरवरी महीने के पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन हवा की कनकनी और कोहरे का असर सूबे में अब तक पूरी तरह बना हुआ है. राज्य के अधिकतर शहरों का न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे है. सुबह-शाम के अलावा दिन में भी क कनकनी की स्थिति रह रही है.