बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर JDU और RJD के बीच ठनी ! निर्वाचन आयोग की सर्वदलीय बैठक में उठा मुद्दा

बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार को लेकर JDU और RJD के बीच ठनी ! निर्वाचन आयोग की सर्वदलीय बैठक में उठा मुद्दा

PATNA : बिहार निर्वाचन आयोग में आज सर्वदलीय बैठक हुई है। बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार का मुद्दा उठा है जिसके बाद जेडीयू और आरजेडी के बीच ठन गयी है। जेडीयू ने जहां कोरोना संकट के बीच एसओपी( स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिज्योर) अपनाते हुए चुनाव प्रचार का रास्ता निकालने की बात कहीं हैं वहीं आरजेडी ने साफ तौर पर कह दिया है कि जेडीयू और बीजेपी चुनाव प्रचार न करवाने का षड्यंत्र रच रही है अगर चुनाव प्रचार की इजाजत नहीं मिलती है तो ये लोकतंत्र की हत्या होगी।


चुनाव आयोग की तरफ से आयोजित सर्वदलीय बैठक में जेडीयू की तरफ से राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह, सांसद ललन सिंह के साथ मंत्री संजय झा वहीं आरजेडी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ आलोक मेहता, शक्ति सिंह, भोला यादव और वृषण पटेल शामिल हुए। बैठक के बाद जहां जेडीयू सांसद ललन सिंह ने पार्टी की  तरफ से अपनी बात रखी तो आरजेडी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अपनी बात कही। दोनों ही पार्टियों के बीच चुनाव प्रचार के मसले पर तल्खियां साफ दिखी। 


जेडीयू सांसद ललन सिंह  ने कहा कि हमने आयोग के सामने मांग की है कि बिहार में एक ही चरण में चुनाव कराए जाए और तमाम संसाधनों का एक बार इस्तेमाल कर चुनान कराया जाए ताकि कई चरणों के होने वाले परेशानियों से बचा जा सके वहीं प्रचार के मुद्दे पर उन्होनें कहा कि एसओपी( स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिज्योर) के तहत चुनाव प्रचार पर विचार किया जाए जिससे सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेंन किया जा सके। उन्होनें कहा कि एक उम्मीदवार गांव-गांव घूमे वोट मांगे जैसा पहले करते थे। उन्होनें कहा कि चुनाव आयोग फैसला करे क्योकिं आज के डेट में हाईकोर्ट बंद है सुप्रीम कोर्ट बंद है ऐसे में सब मिलबैठकर फैसला करें। इस पर देश के और भी राजनीचतिक दलों से राय ली जाए। 


वहीं चुनाव प्रचार के मसले पर आरजेडी नेता नाराज दिखे। प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि चुनाव में प्रचार नहीं करने का षड़यंत्र सत्ताधारी दल की ओर से रचा रहा है। ताकि उन्हें जनता के बीच न जाना पड़े । उन्होनें कहा कि अगर चुनाव प्रचार नहीं होते हैं पार्टियां अगर जनता के बीच नहीं जाती है तो ये सरासर लोकतंत्र की हत्या मानी जाएगी। जगदानंद सिंह ने कहा कि जह तक हम अपनी बात जनता तक नहीं पहुंचाएंगे तो लोकतंत्र के नियम ही टूट जाएंगे। उन्होनें कहा कि बड़ी-बड़ी पार्टियां सोशल मीडिया के जरिए करोड़ों-अरबों खर्च कर प्रचार कर सकती हैं पर हम गरीबों की पार्टी हैं हम जनता के बीच जाएंगे । उन्होनें कहा कि रुलिंग पार्टियों को छोड़ चुनाव प्रचार के मसले पर सभी पार्टियां हमारे विचार के साथ हैं। केन्द्र और राज्य सरकार षड़यंत्र रच रही है। एक फेज में चुनाव पर आपत्ति नहीं है लेकिन जनता के बीच जाने से हमें कोई नहीं रोक सकता। उनहोनें आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए।