PATNA : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठाया जा रहा है। खुद स्वास्थ मंत्री तेजस्वी यादव कई बार अधिकारियों की फटकार लगा चुके हैं। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉक्टरों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाया है। सीएम ने कहा है कि डॉक्टर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नहीं जाते हैं। जनता दरबार में शिकायत सुनकर वे भड़क उठे और उन्होंने खा कि ऐसे कैसे चलेगा? नौकरी करनी है तो डिसिप्लिन मेन्टेन करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को फ़ोन लगा दिया और मामले को गंभीरता से लेने की बात कही।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि की हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो, ये ज़िम्मेदारी प्रबंध मुख्य सचिव को दी जा रही है। आपको बता दें, मधेपुरा जिले से एक फरियादी सीएम के जनता दरबार में पहुंचा था। फरियादी ने कहा की हॉस्पिटल में मरीज़ लाइन लगाए बैठे रहते हैं लेकिन डॉक्टर का पता नहीं रहता है। आते भी हैं तो टाइम पूरा होने का हवाला देकर इलाज अधूरा छोड़कर चले जाते हैं।
फरियादी की बात सुनते ही मुख्यमंत्री भड़क गए। उन्होंने तुरंत मुख सचिव और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को तलब किया और दोनों अधिकारियों को निर्देश दिया कि मामले को गंभीरता से लेकर जांच की जाए।