"राम खिचड़ी यात्रा" से सामाजिक समरसता का संदेश, समाजसेवी अजय सिंह ने शुरू की अनूठी पहल सहरसा में मरीज की मौत पर हंगामा, डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Crime News: भूमि विवाद में मारपीट, तीन लोग गंभीर रूप से घायल, सदर अस्पताल में भर्ती Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज Bihar Politics: ‘चुनाव आयोग खुद राजनीतिक पार्टी बन गया है’ VIP चीफ मुकेश सहनी का EC पर तंज बिहार में 15 दिनों तक चला ऑपरेशन नया सवेरा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग में फंसे 112 लोग कराये गये मुक्त, 50 मानव तस्कर भी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट Patna Crime News: पटना में सरेआम पिस्टल लहराना पड़ा भारी, पुलिस ने आरोपी युवक को किया अरेस्ट Bihar News: रेरा में अब आपकी मर्जी से होगा फैसला, मध्यस्थता के लिए मिलेगा विकल्प; लागू हुई नई व्यवस्था
1st Bihar Published by: Aryan Anand Updated Tue, 30 May 2023 03:19:12 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। नई नियमावली के लगातार विरोध के बाद सरकार उसमें संशोधन भी कर रही है। इसी बीच महागठबंधन की सरकार में सहयोगी बनी माले ने अपनी ही सरकार की शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर सवाल उठा दिया है। माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा है कि महागठबंधन के सात में 6 दल इस बात पर सहमत हैं कि सरकार ने शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बीपीएससी से परीक्षा कराने का जो फैसला लिया है उसे वापस ले।
पालीगंज के माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा है कि बिहार सरकार जो नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली लेकर आई है उसे लाने से पहले सरकार ने न तो शिक्षक संघों से बात की और ना ही अभ्यर्थियों के संघ से ही किसी तरह का विचार विमर्श किया। सरकार को शिक्षक संगठनों और अभ्यर्थियों के संगठन से बातचीत करने के बाद ही इस नियमावली को लागू करना चाहिए था।
उन्होंने सरकार के उस फैसले पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया कि सभी नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा देनी होगी और परीक्षा में सफल होने के बाद ही उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिल सकेगा। जब सरकार शिक्षकों का नियोजन कर चुकी है तब उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बीपीएससी का परीक्षा दिलाने की क्या जरूरत है। ये सब बकवास बातें हैं इससे शिक्षा में किसी तरह का सुधार नहीं होने वाला है।
संदीप सौरभ ने कहा कि जो शिक्षक बीपीएससी की परीक्षा में फेल कर जाएंगे और वही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने जाएंगे तो उसे शिक्षा के स्तर में क्या बदलाव आ पाएगा। उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों की इस समस्या को लेकर वे खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात कर चुके हैं। जिस वक्त बीपीएससी और शिक्षा विभाग की बैठक हो रही थी उस वक्त महागठबंधन की भी एक बैठक चल रही थी।
माले विधायक ने कहा कि महागठबंधन के सात दलों में 6 दल इस बात पर सहमत हैं कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बीपीएससी परीक्षा देने का जो प्रावधान बनाया गया है उसे वापस लेना चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल भी इस पक्ष में है और इसे गलत बता रही है। माले विधायक ने कहा है कि जल्द ही सभी 6 दलों के नेता एक बार फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और इसपर फिर से विचार करने का आग्रह करेंगे।