राज्यकर्मियों को वेतन मिलने में बाधक बन गया नहीं सॉफ्टवेयर, नीतीश सरकार तोड़ निकालने में जुटी

1st Bihar Published by: Updated Sun, 04 Sep 2022 08:00:22 AM IST

राज्यकर्मियों को वेतन मिलने में बाधक बन गया नहीं सॉफ्टवेयर, नीतीश सरकार तोड़ निकालने में जुटी

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PATNA : बिहार के सरकारी सेवकों के सामने वेतन भुगतान को लेकर एक नई समस्या पैदा हो गई है। प्रदेश के सरकारी कर्मियों को अगस्त महीने से नए सिस्टम एचआरएमएस (ह्यूमैन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) के जरिए वेतन मिलना था। लेकिन तकनीकी समस्या आने के वजह से यह अटक गया। सितंबर महीने का तीसरा दिन निकल जाने तक बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी सेवक हैं, जिनके खाते में वेतन नहीं आया था। एक आंकड़े के मुताबैक तकरीबन एक लाख कर्मियों का वेतन भुगतान ठप पड़ गया। 


नीतीश सरकार ने कर्मियों के वेतन, अवकाश के साथ ही सर्विस बुक समेत अन्य सभी सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए एचआरएमएस प्रणाली तैयार करवाई है। सामान्य प्रशासन विभाग इस सिस्टम का नोडल विभाग है। पहले चरण में सचिवालय के सभी विभागों और इससे जुड़े निदेशालय समेत अन्य कार्यालयों के कर्मियों को इससे जोड़ा गया है। लेकिन इस सिस्टम ने शुरू होते ही काम करना बंद कर दिया। हर महीने की 30 तारीख को आने वाला वेतन इस महीने कर्मियों के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो पाया। सितंबर-अक्टूबर से जिला स्तर पर मौजूद कार्यालयों में लागू करते हुए सभी स्तर के सरकारी कर्मियों को इससे जोड़ने की योजना थी, लेकिन शुरुआत में ही इसके फेल होने से फिलहाल खामियां दूर करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कर्मियों के रुके वेतन को जारी करने के लिए फिलहाल इसे कई फेज या कुछ-कुछ की संख्या में इसे जारी किया जा रहा है। कुछ के खातों में वेतन जाने भी लगे हैं। एक से दो दिन में रुके हुए सभी कर्मियों के खाते में वेतन चला जाएगा। 


हालांकि कई विभागों में बड़ी संख्या में कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। इसे वित्त विभाग के सीएफएमएस (कॉप्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) प्रणाली से आनन-फानन में जोड़ा गया है।  समस्या को खत्म करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने शनिवार को एक मैरॉथन बैठक भी की। इसमें इस प्रणाली को तैयार करने वाले टीसीएस की तकनीकी टीम के अलावा विभाग के संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे। तकनीकी एक्सपर्ट के मुताबिक पहले कर्मियों का वेतन सीएफएमएस से मिलता था, लेकिन इस बार इसे एचआरएमएस से जारी करने की कोशिश में दोनों प्रणालियों के बीच टेक्निकल कनेक्टिविटी नहीं बैठ पाया और इस कारण वेतन ट्रांसफर ही अटक गया। इसे लागू करने से पहले टेस्टिंग भी की गयी थी, लेकिन एक बार में लाखों कर्मियों का लोड पड़ने पर यह सिस्टम अचानक बैठ गया।