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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 05 Jul 2025 09:41:15 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है, जो मछली पालन को बढ़ावा देगी। यह योजना दक्षिणी बिहार के आठ पठारी जिलों बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर और रोहतास के किसानों के लिए है। इसके तहत 0.4 से 1 एकड़ के तालाब निर्माण के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने में मदद करेगी।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। योजना के तहत एक एकड़ तालाब निर्माण की लागत 16.70 लाख रुपये निर्धारित है, जिसमें से 80 प्रतिशत यानी 13.36 लाख रुपये तक का अनुदान सरकार देगी। इस अनुदान में तालाब निर्माण, ट्यूबवेल, सोलर पंप, उन्नत मत्स्य बीज और शेड निर्माण जैसे खर्च शामिल हैं। इच्छुक किसान 31 अगस्त 2025 तक मत्स्य निदेशालय की वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास अपनी जमीन या कम से कम 9 साल के लिए लीज पर ली गई जमीन होनी चाहिए। निजी जमीन के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र या हाल की मालगुजारी रसीद और लीज के मामले में 1,000 रुपये के गैर-न्यायिक स्टांप पर एकरारनामा जमा करना होगा। इसके साथ ही जाति प्रमाण पत्र, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, भू-नक्शा, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज भी जरूरी हैं।
लाभार्थियों का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। यह योजना न केवल मछली पालन को बढ़ावा देगी, बल्कि SC/ST किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करेगी। इससे पठारी क्षेत्रों की बंजर जमीन का बेहतर उपयोग होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। किसानों से अपील है कि वे समय रहते आवेदन करें ताकि इस योजना का लाभ उठा सकें।