CHAPRA: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। इस गिरोह के पर्दाफाश का दावा आरपीएफ ने किया है। इस गिरोह के द्वारा ठगी के शिकार युवाओं को ज्वाइनिंग लेटर दी जाती थी और हर महीने बतौर सैलरी अकाउंट में क्रेडिट कर दी जाती थी। इससे इस गिरोह के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ता गया और इन युवकों के माध्यम से अन्य लोगों को भी गिरोह अपना शिकार बनाता गया। यह गिरोह ग्रुप डी में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से 5 से 7 लाख रुपये तक वसूला करता था। आरपीएफ को इस गिरोह तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
आरपीएफ ने इस मामले में गिरोह के एक ठग को धड़ दबोचा। जिसकी पहचान सारण के अमनौर थाना क्षेत्र स्थित मनी सिरिसियां गांव निवासी उद्धव प्रसाद गुप्ता के पुत्र प्रमोद गुप्ता के रूप में की गई। उद्धव इस गिरोह से 2019 से जुड़ा हुआ था। आरपीएफ ने उद्धव को छपरा जंक्शन परिसर से गिरफ्तार किया। जहां तीन युवकों को ज्वाइनिंग लेटर देने वह आया हुआ था लेकिन तभी इस बात की खबर आरपीएफ के सहायक कमांडेंट अमित गुंजन को लगी।
जिसके बाद टीम का गठन किया गया और कार्रवाई की गयी। बुधवार की सुबह छपरा जंक्शन से ठग को धड़ दबोचा गया। वही तीन लड़के को भी हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार ठग के पास से दानापुर रेल मंडल का कर्मी होने का फर्जी आईकार्ड बरामद किया है। उसके पास से तीन फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, युवकों का मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र, रेलवे जोन हाजीपुर का लेटर हेड, स्टाम्प और स्टाम्प पैड और कई लोगों के बैंक खाते के पासबुक और चेकबुक भी बरामद किया गया है।
आरपीएफ के सहायक कमांडेंट अमित गुंजन ने बताया कि गिरफ्तार ठग से पूछताछ की जा रही है। जिसकी निशानदेही पर गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। यह गिरोह रेलवे मे गैंगमैन,ट्रैकमैन, फीटर और खलासी के पद पर बहाली के लिए रुपये लेता था और युवकों को ग्रुप डी के पद के नौकरी देने का आश्वासन देता था। इस दौरान यह गिरोह युवकों को ज्वाइनिंग लेटर देता तो देता ही था साथ ही ठगी के शिकार युवकों के खाते में 20 से 25 हजार रुपये सैलरी भी दिया करता था।