Bihar Politics : लैंड फॉर जॉब मामले में कल होगी अहम सुनवाई, दिल्ली जाएंगे RJD सुप्रीमों लालू यादव

Bihar Politics : लैंड फॉर जॉब मामले में कल होगी अहम सुनवाई, दिल्ली जाएंगे RJD सुप्रीमों लालू यादव

PATNA : लैंड फॉर जॉब मामले में माराजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू-तेजस्वी तेजप्रताप सहित 8 लोगों को समन भेजा था। इसके मुताबिक लालू-तेजस्वी और तेज प्रताप को कल यानी 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना है। लिहाजा, आज देर शाम या कल अहले सुबह राजद सुप्रीमो लालू यादव कल यानी 7 अक्टूबर को दिल्ली जाएंगे। जबकि लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। इसके अलावा बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव भी दिल्ली आएंगे। 


जानकारी के मुताबिक लालू यादव और तेजस्वी यादव सहित 8 आरोपियों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तलब किया गया। सबसे अहम बात है कि इस बार कोर्ट ने पहली बार तेज प्रताप यादव को तलब किया है। तेजप्रताप यादव लैंड फॉर जॉब मामले में कल पहली बार वह कोर्ट में पेश होंगे। पिछली सुनावाई में कोर्ट ने कहा था कि, तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। लिहाजा किरण देवी और तेजप्रताप यादव को भी राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने समन जारी किया।


मालूम हो कि इस मामले में सबसे पहले ED ने 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, इस चार्जशीट में तेजप्रताप यादव का नाम नहीं शामिल किया गया था। लेकिन कुल 11 लोगों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल हुई थी। जिनमें में से तीन आरोपी की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि ए के इंफोसिस्टम द्वारा बिहार में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादात में ज़मीन ट्रांसफर किया गया। 


कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले मे बड़ी तादात में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ। कोर्ट ने कहा था कि एजेंसी की चार्जशीट के मुताबिक यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया और यादव परिवार के नाम पर ज़मीन का ट्रांसफर हुआ। कोर्ट ने कहा था कि लालू प्रसाद यादव मनी लांड्रिंग में शामिल थे और तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर किया। जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई। इस मामले में किरण देवी के पति भी शामिल थे।