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17-Jan-2021 06:15 PM
MUZAFFARPUR : बिहार में इन दिनों आपराधिक मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में पुलिसवालों की भी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि सुशासन की सरकार में राज्य के अंदर लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. पुलिसवाले अपराध पर नकेल कसने में पूरी तरफ फेल साबित हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अब बिहार पुलिस से जुड़ा एक नया मामला सामने आया है.
दरअसल तिरहुत रेंज के आईजी गणेश कुमार के निर्देश को गंभीरता से जिले के थानेदार और ओपीध्यक्ष नहीं ले रहे हैं. उनके बार-बार निर्देश के बावजूद कांडों के निष्पादन में रुचि नहीं ले रहे हैं. लापरवाही का आलम यह है कि डीएसपी कार्यालय से लेकर जिले के एक दर्जन से अधिक थानों और ओपी में एक हजार से अधिक ऐसे केस लंबित हैं, जिसकी समीक्षा के दौरान आइजी ने टिपण्णी की थी.
तिरहुत रेंज के आईजी गणेश कुमार की इस टिपण्णी के बाद मुजफ्फरपुर के एसएसपी जयंतकांत ने डीएसपी, थानाध्यक्षों और ओपीध्यक्षों को पत्र लिखकर हड़काया है. उन्होंने जूनियर पुलिस अफसरों को चेतावनी दी है. दरअसल आईजी ने कहा था कि जिले के विभिन्न थानों में एक हजार से अधिक मामले लंबित हैं. इन मामलों में प्रतिवेदन समर्पित करना है. ऐसे कांडों को चिह्नित कर जांच रिर्पोट भेजने के लिए सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया था, लेकिन अभीतक एक भी मामलों का जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है.
रिपोर्ट के मुताबिक नगर डीएसपी कार्यालय में 50, डीएसपी पूर्वी कार्यालय में 35, सरैया एसडीपीओ कार्यालय में 22, अहियापुर थाना में 172, नगर थाना में 130, मिठनपुरा थाना में 78, सदर थाना में 125, काजीमोहम्मदपुर थाना में 85, गायघाट थाना में 102, मीनापुर थाना में 158, बोचहां थाना में 108, सकरा थाना में 145, मुशहरी थाना में 75, मोतीपुर थाना में 85, कांटी थाना में 86, कुढऩी थाना में 102, पारू थाना में 62 और सरैया थाना 90 मामले हैं.