ब्रेकिंग न्यूज़

NITISH KUMAR : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निगरानी और मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की समीक्षा बैठक में दिए अहम निर्देश, अधिकारियों को मिला यह टास्क Police Transfer : बिहार पुलिस में बड़ा उलटफेर, SP ने कई थानाध्यक्षों का किया तबादला; देखिए पूरी लिस्ट Bihar News: 'खनन इंस्पेक्टर' ने UP के ट्रक मालिक से लिए 4.40 लाख रिश्वत लिया ! आदेश के 3 महीने बाद अब शुरू हुई जांच...28 नवंबर को सबूत देने को कहा गया Bihar assembly election : अमित शाह ने बिहार बीजेपी नेताओं को दी नसीहत, कहा– विजय का घमंड न हो, ‘जहां कम, वहां हम’ अपनाएं Bhagalpur road accident : टाटा टियागो ने पैदल चल रहे दो लोगों को मारी टक्कर, एक की मौत, एक गंभीर घायल Bihar Tourism : बिहार में पर्यटन के लिए मूविंग फाइव स्टार होटल: चंडीगढ़ से आए रहे दो खास वैन; जानिए क्या होगा किराया Bihar Government Scheme : राशन कार्ड से वंचित लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी, कैंप लगाकर कार्ड बनाने के निर्देश; प्रधान सचिव ने दिया आदेश Vigilance Raid Rosra : समस्तीपुर में निगरानी की बड़ी कार्रवाई: रोसड़ा EO के ठिकानों पर छापेमारी, नकदी व महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त Bihar news : मातम में बदली खुशियां, बारात से लौट रही कार एवं बाजा ट्रॉली में आमने सामने की टक्कर, एक की मौत; तीन घायल Patna traffic update : राजीवनगर चौराहा पर नई वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू, रॉन्ग साइड जाने पर होगी सख्त कार्रवाई; जानें क्या है नया नियम

मुखिया चुनाव में हारे मंत्री के भाई, विधायक की बहु को भी जनता ने नकारा

1st Bihar Published by: Updated Sat, 23 Oct 2021 09:09:34 AM IST

मुखिया चुनाव में हारे मंत्री के भाई, विधायक की बहु को भी जनता ने नकारा

- फ़ोटो

MUZAFFARPUR : बिहार में कल पंचायत चुनाव के चौथे चरण की मतगणना हुई जिसमें पहले तीन चरणों की तरह ही इस बार भी जनता ने कई दिग्गजों को नकार दिया. इधर पंचायत चुनाव में मंत्री के भाई को भी हार का सामना करना पड़ा. इनके अलावा विधायक की बहु भी जिला परिषद की सदस्य नहीं बन पाई. 


आपको बता दें कि बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के बड़े भाई भरत राय ने मुजफ्फरपुर जिला में बोचहां प्रखंड की गरहां पंचायत से मुखिया चुनाव लड़ा था. लेकिन यहां जनता ने उन्हें नकार दिया. वो जीत के करीब पहुंच कर महज 76 मतों से चुनाव हार गए.


इनके अलावा बोचहां के विधायक मुसाफिर पासवान की बहू भी चुनाव हार गई है. वो जिला परिषद के सदस्य पद का चुनाव हार गईं है. विधायक मुसाफिर पासवान के रिश्तेदारों और समर्थकों को उम्मीद थी कि विधायक की बहू होने के नाते इस बार उन्हें बड़ी जीत मिलेगी, लेकिन जनता ने नकार दिया. 


इस बार बिहार पंचतायत चुनाव में सत्ता पर काबिज विधायकों और मंत्रियों को जनता का प्यार नहीं मिल रहा है. गांव की सरकार बनाने में जनता किसी प्रभाव से प्रभावित हुए बिना अपने प्रतिनिधि चुन रहे हैं. यही वजह है कि गांवों की सत्ता पर काबिज माननीयों को जनता एक-एक कर खारिज कर रही.