Nitish Kumar cabinet : राबड़ी देवी का बंगला किस मंत्री को मिलेगा? जानें अब कौन किस पते पर रहेगा Bihar school accident : स्कूल जा रही छात्राओं को तेज रफ्तार ट्रक ने उड़ाया, 200 मीटर घसीटते हुए ले गया; सड़क जाम और आगजनी Maruti Suzuki Swift: बजट और माइलेज का बेस्ट कॉम्बिनेशन, 10 महीनों में इतने लाख घरों तक पहुँची यह कार RJD review meeting : राजद ने शुरू की चुनावी हार की मंथन प्रक्रिया, 26 नवंबर से 9 दिसंबर तक चलेगी समीक्षा बैठकें Bihar Land Survey : जमीन सर्वे की रफ्तार सुस्त, रेवेन्यू विलेज में सिर्फ 25% ही काम हुआ पूरा; सरकार ने बढ़ाई अवधि Bihar News: मनरेगा मजदूरों पर सरकार की नजर, फर्जी हाजिरी रोकने के लिए नई योजना लागू Bihar Crime News: बिहार में अब यहाँ बदमाशों ने 40 वर्षीय को बनाया अपना शिकार, मौत के बाद पुलिस जांच में जुटी Patna News: गांधी मैदान के पास शिफ्ट होगा पटना सदर अंचल कार्यालय, जानें अब कहां होगा संचालित Bihar teachers news : बिहार में शिक्षकों की सीनियरिटी के नए नियम लागू, प्रमोशन में जोड़ा जाएगा अनुभव; प्रमंडल स्तर के शिक्षक होंगे सबसे सीनियर BSSC Inter Level 2025 : 23,175 पदों पर बंपर बहाली, आवेदन की अंतिम तारीख बढ़कर हुई 15 दिसंबर; अभी भरें फ्रॉम
1st Bihar Published by: Updated Sat, 23 Oct 2021 09:09:34 AM IST
- फ़ोटो
MUZAFFARPUR : बिहार में कल पंचायत चुनाव के चौथे चरण की मतगणना हुई जिसमें पहले तीन चरणों की तरह ही इस बार भी जनता ने कई दिग्गजों को नकार दिया. इधर पंचायत चुनाव में मंत्री के भाई को भी हार का सामना करना पड़ा. इनके अलावा विधायक की बहु भी जिला परिषद की सदस्य नहीं बन पाई.
आपको बता दें कि बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय के बड़े भाई भरत राय ने मुजफ्फरपुर जिला में बोचहां प्रखंड की गरहां पंचायत से मुखिया चुनाव लड़ा था. लेकिन यहां जनता ने उन्हें नकार दिया. वो जीत के करीब पहुंच कर महज 76 मतों से चुनाव हार गए.
इनके अलावा बोचहां के विधायक मुसाफिर पासवान की बहू भी चुनाव हार गई है. वो जिला परिषद के सदस्य पद का चुनाव हार गईं है. विधायक मुसाफिर पासवान के रिश्तेदारों और समर्थकों को उम्मीद थी कि विधायक की बहू होने के नाते इस बार उन्हें बड़ी जीत मिलेगी, लेकिन जनता ने नकार दिया.
इस बार बिहार पंचतायत चुनाव में सत्ता पर काबिज विधायकों और मंत्रियों को जनता का प्यार नहीं मिल रहा है. गांव की सरकार बनाने में जनता किसी प्रभाव से प्रभावित हुए बिना अपने प्रतिनिधि चुन रहे हैं. यही वजह है कि गांवों की सत्ता पर काबिज माननीयों को जनता एक-एक कर खारिज कर रही.