MUZAFFARPUR: बिहार में जमीन सर्वे (land survey in bihar) के बीच एक बड़े फर्जीवाड़ा (big fraud) का खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद जिले के प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया है। मामला मोतीपुर का है, जहां ब्लॉक के कर्मियों ने सरकारी जमीन (government land) को निजी बताकर दूसरों के हाथ बेंच दिया।
दरअसल, मोतीपुर अंचल में सरकारी जमीन की बड़े पैमाने पर बिक्री का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अंचल के कर्मचारियों ने करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को रैयतों के नाम कर दिया है। नरियार गांव में बिहार सरकार की 9 बीघा भूमि को विभिन्न रैयतों के नाम कर दिया गया है।
इस मामले की शिकायत मिलने पर एसडीएम पश्चिमी, श्रेया श्री ने अंचल कार्यालय पहुंचकर मामले की जांच की। जांच में पाया गया कि यह भूमि वास्तव में बिहार सरकार के नाम पर थी। एसडीएम ने संबंधित कर्मचारी और राजस्व कर्मचारी को फटकार लगाते हुए कार्यप्रणाली में सुधार लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने अंचलाधिकारी को जमीन का सीमांकन कराने का आदेश दिया है।
यह भूमि एनएच के किनारे स्थित है और वर्तमान में रैयत इसे औने-पौने भाव में बेच रहे हैं। शिकायतकर्ता आदेश कुमार ने बताया कि रैयत उसे धमका भी रहे हैं। बता दें कि कि जिस समय यह अनियमितता हुई थी, उस समय के कर्मचारी और अंचलाधिकारी का तबादला हो चुका है।