Bihar Crime News: बिहार में वार्ड पार्षद की शर्मनाक करतूत, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर लड़की के साथ किया गंदा काम BIHAR NEWS : 15 सितंबर तक सड़क और पुल निर्माण शुरू करें ठेकेदार, वरना होगी सख्त कार्रवाई Bihar Politics: राहुल-तेजस्वी पर गिरिराज सिंह का जोरदार हमला, ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ पर खूब बरसे बिहार में शराबबंदी लागू करने में पुलिस नाकाम, खुद शराब की दुकानें बंद करवाने का ग्रामीणों ने उठाया बीड़ा Bihar Police Transfer: बिहार के इस जिले में 19 पुलिस अधिकारियों का तबादला, 4 नए थानाध्यक्षों की तैनाती Bihar Police Transfer: बिहार के इस जिले में 19 पुलिस अधिकारियों का तबादला, 4 नए थानाध्यक्षों की तैनाती SSC EXAM : नॉर्मलाइजेशन के तरीके में हुआ बड़ा बदलाव, शिफ्ट बदलने पर भी नहीं होगा मार्क्स में अंतर BPSC Prelims 2025: 13 सितंबर को होगी BPSC 71वीं PT परीक्षा, आयोग ने जारी किया नोटिस; सेंटर जाने से पहले पढ़ लें यह खबर CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन ने राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा, इन्हें मिली महाराष्ट्र के गवर्नर की जिम्मेवारी CP Radhakrishnan: सीपी राधाकृष्णन ने राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा, इन्हें मिली महाराष्ट्र के गवर्नर की जिम्मेवारी
1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Nov 2021 01:01:27 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शराबबंदी मिशन पूरी तरह से फेल हो चुका है. शराब बंदी के बावजूद राज्य में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला लगातार जारी है. सरकार खुद यह बात स्वीकार कर रही है कि 2 दिनों में जहरीली शराब से 21 लोगों की मौत हुई है. राज्य के मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि इस साल अब तक 40 लोगों के मौत की खबर सामने आई है. 21 लोगों की मौत पिछले 2 दिनों के अंदर हुई है.
हालांकि सरकार का यह आंकड़ा गले के नीचे नहीं उतर रहा. सरकारी आंकड़ों से अलग इस साल मरने वालों की तादाद लगभग 90 है. जबकि पिछले दो दिनों में ही लगभग 28 लोगों की मौत गोपालगंज और बेतिया में हो चुकी है.
जहरीली शराब से मौत के मामले में नीतीश सरकार की कार्रवाई भी अब तक सवालों के घेरे में है. राज्य के मद्य निषेध मंत्री कह रहे हैं कि हमने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस साल लगभग 700 पुलिसकर्मियों के ऊपर एक्शन लिया है. जबकि हकीकत यह है कि थानेदार और चौकीदार से ऊपर के अधिकारियों पर आज तक कोई एक्शन नहीं हुआ है. राज्य सरकार जिन सात सौ पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने का दावा कर रही है, उसमें चौकीदार, थानेदार स्तर के अधिकारी ही हैं. डीएसपी या जिले के किसी एसपी के खिलाफ आज तक एक्शन का साहस सरकार नहीं जुटा पाई है.
ताजा मामले में बेतिया के नौतन थाने के थानेदार और चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है. डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण ने यह कार्रवाई की है. उधर शराब से हुई मौत के मामले में विपक्ष सरकार के ऊपर हमलावर हो गया है. विपक्ष इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रहा है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के साथ-साथ आरजेडी ने भी इस मामले में सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग रखी है. विपक्ष का आरोप है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल हो चुका है. सरकार एक बार फिर राज्य में शराबबंदी की समीक्षा करे. इस मामले में अब तक चुप्पी साधे बैठे उधर सत्तापक्ष आरोप लगा रहा है कि विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद विपक्ष ने जहरीली शराब कांड की साजिश रची. पहले बीजेपी नेता और मंत्री जनक राम ने विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया था, अब जीतन राम मांझी की पार्टी भी इस मामले में विपक्ष के ऊपर निशाना साध रही है.
शराब से मौत के मामले में राजनीति चाहे जो भी हो लेकिन हकीकत यही है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब की एंट्री और जहरीली शराब से मौत के लिए जिम्मेदार कौन है, सरकार अब तक इसे तय नहीं कर पाई है.