PATNA : 70 के दशक में जेपी मूवमेंट के बाद बिहार की राजनीति जननायक के शागिर्दों के इर्द-गिर्द घूमती रही है. चार दशक तक बिहार की राजनीति में शीर्ष पर रहने वाले नेताओं की उम्र अब ढल रही है. राजनीति में नई पीढ़ी ने दस्तक दे दी है. बिहार की राजनीति में लंबे अरसे बाद वो दौर आया है जब तीन युवा नेता अपनी-अपनी पार्टियों के लिए यात्रा पर नजर आएंगे. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पहले से ही सीएए के मुद्दे पर बिहार की यात्रा कर रहे हैं. तेजस्वी यादव 23 फरवरी को बेरोजगारी यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं और एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान आज से ही अपनी यात्रा का आगाज कर रहे हैं. चिराग पासवान बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा पर निकलने वाले हैं. लोक जनशक्ति पार्टी की कमान संभालने के लिए यात्रा चिराग के लिए किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं. 1 अप्रैल को पटना में होने वाली एलजेपी की रैली को सफल बनाने के लिए चिराग बिहार में घूमेंगे.
आज से चिराग की यात्रा शुरू
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट यात्रा पर निकलने वाले हैं. पहले दिन पिता रामविलास पासवान के कार्य क्षेत्र वैशाली जाएंगे. चिराग के लोजपा अध्यक्ष बनने के बाद झारखंड और दिल्ली की चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन वह बिहार में कोई जोखिम लेना नहीं चाहते हैं. पार्टी को मजबूत और सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर वह यात्रा पर निकल रहे हैं.
23 से तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने अपनी कमर कस ली है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 23 फरवरी को पटना में बेरोजगारी हटाओ यात्रा के औपचारिक की शुरुआत करेंगे. पटना के वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर बेरोजगारी हटाओ यात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम की तैयारी बड़े पैमाने पर चल रही है. तेजस्वी भी इस चुनाव के लिए जी जान लगाने वाले हैं, युवाओं को लुभाने के लिए बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकलने वाले हैं.
कन्हैया कुमार भी यात्रा पर
सीपीआई के नेता कन्हैया कुमार भी बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव हारने के बाद फिर में फिर से एक्टिव हो गए हैं. वह बिहार में जन-गण-मन यात्रा पर निकले हुए. इस दौरान के दौरान वह बीजेपी पर लगातार सीएए और एनआरसी को लेकर हमला कर रहे हैं. यात्रा के अंतिम दिन दिन पटना में रैली करने वाले हैं. इस यात्रा के दौरान ही कन्हैया पर कई बार हमला भी हो चुका है. लेकिन अब देखना है कि कन्हैया बिहार के चुनाव में कितना कमाल दिखा पाते हैं.