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1st Bihar Published by: Updated Sat, 08 May 2021 09:25:15 PM IST
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CHHAPRA : सरकार के तमाम नियमों कायदे कानून की धज्जियां उडा कर एंबुलेंस को छिपा कर रखने वाले सांसद राजीव प्रताप रूड़ी महफूज हैं. हां, उनकी करतूत को उजागर करने वाले पप्पू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. खुद को पंचायय एंबुलेंस संचालन समन्वयक करार देने वाले राजन कुमार सिंह नाम के शख्स ने प्राथमिकी पप्पू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें पप्पू यादव पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने, तोड़फोड़ करने से लेकर फिरौती मांगने औऱ जान मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है.
सारण के अमनौर थाने में मामला दर्ज
सारण के अमनौर थाने में ये मामला दर्ज किया गया है. राजन कुमार सिंह ने पुलिस में की गयी शिकायत में लिखा है कि पप्पू यादव शुक्रवार को कोरोना लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए विश्व प्रभा सामुदायिक केंद्र आ गये. वहां उन्होंने एंबुलेंस में जमकर तोड़फोड़ की. हथियार के बल पर पैसे मांगे औऱ पैसे नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी.
पुलिस एक्शन में भी आयी, सांसद समर्थकों से गवाही भी ले लिया
इस एफआईआर के बाद सारण की पुलिस तत्काल एक्शन में आ गयी. उसने घटनास्थल पर पहुंच कर लोगों से गवाही भी ले ली. मढौरा के डीएसपी इंद्रजीत बैठा औऱ अमनौर के थानेदार सुजीत कुमार ने घटनास्थल बताये जा रहे सामुदायिक भवन में पहुंच कर सांसद समर्थकों से पूछताछ की. उनलोगों की गवाही दर्ज की गयी. सांसद के समर्थकों ने कहा कि पप्पू यादव अमनौर के पास खोरी पाकर गोविंद के सामुदायिक केंद्र परिसर में शुक्रवार को जबरन प्रवेश कर गये. वहां मौजूद गार्ड से धक्का मुक्की करते हुए एंबुलेंस में तोड़ फोड़ किया औऱ फिर फिरौती मांगी. वह भी हथियार के बल पर. फिरौती नहीं मिलने पर जान से मारने की धमकी भी दी गयी.
सांसद के सामने सरकार नतमस्तक? FIRST बिहार के सवाल पढिये
गौरतलब है कि पप्पू यादव ने शुक्रवार को अमनौर के पास एक कैंपस में छिपा कर रखे गये दर्जनों एंबुलेंस को पकड़ा था. वे सभी एंबुलेंस सांसद राजीव प्रताप रूड़ी के सांसद फंड से खरीदे गये थे. इसका वीडियो पूरे देश में वायरल है. सवाल ये उठता है कि सांसद कोष से खरीदे गये एंबुलेंस वहां कैसे पहुंच गये. उस कैंपस में कैसा पहुंचा जिस पर सांसद राजीव प्रताप रूड़ी का बैनर होर्डिंग लगा था औऱ जिसे सांसद का कार्यालय बताया जा रहा था.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सांसद कोष से एंबुलेस की खरीद के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर रखा है. इसमें साफ लिखा है कि सांसद कोष से अगर एंबुलेंस खरीदा गया है तो उसका संचालन कैसे होगा. केंद्र सरकार का गाइडलाइंस कहता है कि अगर सांसद कोष से एंबुलेंस खरीदा गया है तो वह सरकार की संपत्ति होगी. वह जिलाधिकारी के नियंत्रण में होगी औऱ उसका संचालन सीएमओ यानि सिविल सर्जन करायेंगे. जनता को सांसद कोष से खरीदे गये एंबुलेंस का लाभ दिलाने के लिए भी केंद्र सरकार के गाइड़लाइंस में स्पष्ट तौर पर दिशा निर्देश दिया गया है.
सांसद समर्थकों ने जो प्राथमिकी दर्ज करायी है उससे ये औऱ साफ हो गया है कि सरकारी नियमों का उल्लंघन कर एंबुलेंस का खेल खेला जा रहा था. FIR दर्ज कराने वाले ने खुद को पंचायत एंबुलेंस समन्वयक बताया है. ये कौन सा पद है. बिहार सरकार या केंद्र सरकार में ऐसा कोई पद नहीं है. फिर इस पद पर किसने राजन कुमार सिंह की नियुक्ति की. वह किस अधिकार से सरकारी एंबुलेंस को संचालन कर रहा था. जिस पद का सरकार में कोई अस्तित्व ही नहीं है उसके बयान पर FIR कैसे दर्ज कर ली गयी.
सांसद फंड को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के दिशा निर्देशों को ही देखा जाये तो उसमें सांसद राजीव प्रताप रूड़ी पर गंभीर आरोप बन रहे हैं. लेकिन पुलिस जो कार्रवाई कर रही है वह दिख रहा है. सवाल उठेगा ही कि क्या सरकार सांसद के सामने नतमस्तक हो गयी है.
एंबुलेंस से बालू ढ़ोने का भी वीडियो वायरल
उधर, एक ऐसा वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें राजीव प्रताप रूडी के सांसद कोष से निकाले गये एंबुलेंस से बालू की ढुलाई हो रही है. आरजेडी ने ये वीडियो जारी किया है. वीडियो में दिख रहा है कि एंबुलेंस में बोरियां लादी जा रही हैं. एंबुलेंस के ठीक पीछे बुलेट बाइक खड़ी है और पास में ही बालू का ढेर है. तीन लोग एंबुलेंस में बालू की बोरी लोड कर रहे हैं.