बिहार में यह क्या हो रहा है? एक और पुल गया पानी में ... 10 दिन पहले ही हुई थी ढलाई

बिहार में यह क्या हो रहा है? एक और पुल गया पानी में ... 10 दिन पहले ही हुई थी ढलाई

KATIHAR : बिहार में पुल क्यों गिर रहे हैं? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। मगर दिक्कत यह है कि जवाब देगा कौन? बिहार में पिछले एक महीने के अंदर 10 से अधिक पूल गिर चुके है। ताजा मामला कटिहार का है। यहां 10 दिन पहले एक पूल का ढलाई हुआ था और अब यह पूल गिर गया है। करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण हो रहा है। ऐसे में पूल के ढलाई के 10 दिन बाद ही पुल गिरने से क्षेत्र में कई तरह की चर्चा है।  जिलाधिकारी ने इस बात की अब तक उनके पास आधिकारिक जानकारी नहीं होने की बात कही है। 


बताया जा रहा है कि नदी का जलस्तर बढ़ने से निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरा है। बिहार में इस तरह के हादसे कई सालों से लगातार हो रहे हैं।सरकारें बदलतीं रहीं मगर पुल गिरने की घटनाएं लगातार सामने आती रहीं. चाहे जदयू-राजद की सरकार हो या जदयू-भाजपा की सरकार। यह सिलसिला लगाकर जारी रहता है।  जानिए, कब-कब और कहां-कहां पुल गिरे है। 


सबसे पहले 27 जून को किशनगंज जिले में एक पुल गिर गया था।  किशनगंज के जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने बताया कि बहादुरगंज प्रखंड में स्थित यह पुल 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा था।  यह पुल 2011 में कनकई नदी को महानंदा से जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी मड़िया पर बनाया गया था। नेपाल में जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण जलस्तर अचानक बढ़ने से पुल के खंभों में से एक तेज धारा का सामना नहीं कर सका और गिर गया।  


इससे पहले 22 जून को सीवान जिले में एक छोटा पुल ढह गया था। इससे पहले बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में 23 जून को एक निर्माणाधीन छोटा पुल ढह गया था. यह घटना मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में हुई। अमवा गांव को प्रखंड के अन्य क्षेत्रों से जोड़ने के लिए राज्य के ग्रामीण निर्माण विभाग (आरडब्ल्यूडी) द्वारा नहर पर 16 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा था। इसे 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा था. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया था कि घटना के सही कारण का पता लगाया जा रहा है। 18 जून को अररिया जिले में करीब 180 मीटर लंबा नवनिर्मित पुल ढह गया था। 


उधर, 19 मार्च 2023 को बिहार के सारण जिले में एक पुल गिर गया था। बताया जाता है कि यह पुल अंग्रेजों के जमाने का था। बाढ़ के बाद पुल जर्जर हो गया था और कई जगहों पर दरारें आ गईं थीं। विभाग के लापरवाही के कारण यह पुल गिर गया. जर्जर पुल को लेकर विभाग की ओर से कोई चेतावनी भी जारी नहीं की गई थी।