बिहार में तीसरा उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग, कैबिनेट विस्तार से पहले इस नेता ने मांगा अपना हक

बिहार में तीसरा उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग, कैबिनेट विस्तार से पहले इस नेता ने मांगा अपना हक

DARBHANGA:  बिहार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार का काउंटडाउन शुरू हो गया है। कैबिनेट के विस्तार से पूर्व बिहार में अब तीसरे उपमुख्यमंत्री की मांग की जाने लगी है। यह मांग कोई और नहीं बल्कि जाले विधानसभा के पूर्व विधायक सह कांग्रेस नेता ऋषि मिश्र ने की है। ऋषि मिश्र भारत के पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र के पौत्र हैं। ललित नारायण मिश्र की 99वीं जयंती के मौके पर उन्होंने यह मांग रखी। ऋषि मिश्र का कहना था कि पिछले 20 सालों से मिथिलांचल के ब्राह्मणों ने ही मिथिला में BJP को जिताने का काम किया है। इस बार भी NDA गठबंधन को मिथिला में बड़ी जीत हासिल होने का एकमात्र कारण यहां के ब्राह्मण ही हैं। इसलिए यहां के ब्राह्मण को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग ऋषि मिश्र ने सरकार से की है।


चुनाव में मैथिल ब्राह्मण की भूमिका महत्वपूर्ण

कांग्रेस नेता ऋषि मिश्र ने बताया कि मिथिलांचल के वोट से ही बिहार में NDA की सरकार बनीं है। जिसमें मिथिलांचल के मैथिल ब्राह्मण की भूमिका महत्वपूर्ण है। यहां के लोगों ने आंख बंद कर अपना बहुमुल्य वोट BJP को दिया था। हम यह मांग करते हैं कि मिथिलांचल के विकास के लिए एक मैथिल ब्राह्मण को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जाए जिससे मिथिलांचल का विकास किया जा सके। ऋषि मिश्रा ने यह भी कहा कि जब बिहार में दो उपमुख्यमंत्री बन सकते है तो तीसरा उपमुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता? 


ललित नारायण मिश्र की जयंती समारोह

भारत के पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र की 99वीं जयंती के मौके पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उनके पौत्र कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा, भतीजा और BJP के पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा समेत विवि के कुलपति ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया और पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में आयोजित कार्यक्रम के समापन के बाद बिहार के पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की तरह आज भी ललित बाबू की जयंती मनाई गई। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में जयंती समारोह का आयोजन किया गया। नीतीश मिश्रा ने बताया कि 2 फरवरी 2022 को मिथिला विश्वविधालय का 50वीं वर्षगांठ है और उसी दिन ललित बाबू की 100 वीं जयंती भी है जो पूरी तरह ऐतिहासिक होगा।