PATNA : बिहार में शिक्षकों की ईद फीकी होती हुई नजर आ रही है. बिहार सरकार की ओर से ईद से पहले सभी कर्मियों को मई महीने तक का वेतन देने के आदेश के बावजूद भी शिक्षा विभाग के अफसर उनको वेतन नहीं दे रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के ढुलमुल रवैया, लालफीताशाही के कारण आवंटन रहने के बाद भी पिछले चार महीनों का वेतन नहीं दिया गया है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षक अपनी मांगों के समर्थन में पिछले17 फरवरी से प्राथमिक व 25 फरवरी से माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक हड़ताल पर थे, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए तथा राज्य सरकार व शिक्षा विभाग के अनुरोध पर 04 मई से अपनी हड़ताल को वापस लिया.
संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने आगे बताया कि शिक्षा विभाग ने अपने लिखित समझौता तथा हड़ताल वापसी के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिए अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन अवधि तथा फरवरी माह के कार्यरत अवधि का वेतन अविलंब जारी करें. इस बीच राज्य सरकार ने भी राज्य के सभी कर्मियों को मई माह का वेतन ईद से पूर्व भुगतान करने का निर्देश जारी किया मगर एक बार फिर राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमानी, हठधर्मिता, लालफीताशाही तथा अपने ही विभाग के अधिकारियों के आदेशों को नजरअंदाज ही नहीं किया गया बल्कि राज्य सरकार के आदेश को भी ठेंगा दिखाया गया और शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य के शिक्षकों का वेतन फरवरी से लेकर मई माह तक ईद के पहले जारी नहीं किया गया. यह बात अलग है कि एक-दो जिलों में शिक्षक संघ की विशेष तत्परता पर मात्र फरवरी माह के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान संभव हो सका है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि एक तरफ राज्य के सभी कोटि के शिक्षक अपनी गर्मियों की छुट्टियों के बाद भी शिक्षा विभाग के आदेश पर बिना सुरक्षा और संसाधन यथा मास्क, पीपीई कीट, सेनेटाईजर आदि के नहीं मिलने के बाद भी अपने विद्यालयों में उपस्थित रहकर कोरेंटाइन सेंटरों में सेवा दे रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि कोरोना संकट के इस काल में तथा लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में तथा सरकार और विभाग के आदेश के बाद भी अल्पसंख्यकों के मुबारक माह रमजान व ईद पर्व पर भी वेतन भुगतान न करने वाले अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई की जाये.