बिहार में सूखे के बीच बाढ़ का संकट, नियति पर रो रहा सूबा

बिहार में सूखे के बीच बाढ़ का संकट, नियति पर रो रहा सूबा

MOTIHARI: बिहार में एक साथ दो संकट गहरा गया है. एक तरफ बारिश नहीं होने की वहज से राज्य के कई इलाके में सूखे की स्थिति है. वहीं, दूसरी ओर सीमांचल के इलाके में बाढ़ की सम्भावना है. सीमावर्ती में लगातार बारिश होने की वजह से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जिसके बाद नेपाल से आने वाली नदियों को कंट्रोल करने के लिए बनाया गया फाटक को खोल दिया गया है. 


जानकारी के मुताबिक, नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए वाल्मीकि नगर बराज से 1.69 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के कक्ष संख्या 29 और 30 में गंडक का पानी फैलने लगा है. जंगल में पानी घुसने से जंगली जानवर सुरक्षित व ऊंचे जगहों की ओर पलायन करने को मजबूर है. 


बराज के कार्यपालक अभियंता सुबोध चौधरी ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए फाटक पर तैनात कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है. गंडक के जलस्तर में वृद्धि से नदी के पास के निचले इलाकों में पानी फैलने की आशंका है. गंडक में पानी बढ़ने से बगहा शहर, ठकराहा, मधुबनी, पिपरासी, बैरिया और नौतन के निचले इलाकों बाढ़ आ सकता है. इन प्रखंडों के दियारा क्षेत्र के लोगों में जलस्तर को देख दहशत का माहौल है.