SITAMARHI: बिहार में शराब की चेकिंग के बहाने पुलिसकर्मियों के जुल्म जबरदस्ती के खिलाफ लोगों का आक्रोश फूटने लगा है. सीतामढी में पुलिसिया जुल्म से भड़के लोगों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी है. ग्रामीणों के हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं. इस वाकये के बाद घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है हालांकि पुलिस का कोई अधिकारी इस घटना पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
शराब चेकिंग के नाम पर जुल्म
ये वाकया सीतामढ़ी नगर थाना क्षेत्र के बरियारपुर फोर लेन पर हुई. उत्पाद विभाग और पुलिस की टीम वहां गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि चेकिंग के नाम पर उगाही का खेल खेला जा रहा था. इसी दौरान एक पिकअप वैन को रोककर उसे जब्त किये जाने लगा. हालांकि उसमें कोई शराब नहीं मिली थी. पुलिस के डर से पिक वैन के चालक ने गाड़ी को भाग दिया. पुलिस ने उसे खदेड़ना शुरू कर दिया. अनियंत्रित रफ्तार के कारण पिक अप वैन कुछ दूर आगे जाकर ही एक पुलिया से टकरा गयी. इससे उस पर सवार करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये.
स्थानीय लोग नाराज हुए तो पुलिस ने लाठीचार्ज
इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग नाराज हो गये. उन्होंने पिक अप पर सवार लोगों को पास के निजी क्लीनिक में ले जाकर इलाज कराया. कुछ लोगों को ज्यादा चोट लगी थी, उन्हें अस्पताल भेजा गया. उधर पुलिस भी पिक अप वैन के पास पहुंच गयी. स्थानीय लोगो ने बताया कि पुलिस घायलों को इलाज के लिए ले जाने के बजाय तडप रहे लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश में लग गयी.
पुलिस का अमानवीय रवैया देखकर स्थानीय लोग भडक गये, वे पुलिस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा करने लगे. लेकिन पुलिस किसी भी सूरत में पिकअप वैन पर सवार लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश में लगी थी. ग्रामीणों को भगाने के लिए पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. इस बीच वहां आस पास के कई औऱ लोग जुट गये. पुलिस के लाठीचार्ज से नाराज लोगों ने जवाबी हमला कर दिया. आक्रोशित लोगों ने पुलिसकर्मियों की जमकर पिटाई कर दी. ग्रामीणों की पिटाई से आधा दर्जन पुलिस वाले घायल हो गये हैं. घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पुलिस मामले को छिपाने में लगी
इस बाबत जब मीडिया ने सीतामढी के सदर डीएसपी रामाकांत उपाध्याय से जानकारी लेनी चाहिये तो उन्होंने कहा कि उन्हें घटना के बारे में जानकारी नहीं है. मीडिया बता रही है तो वे पता कराते हैं. वहीं सदर अस्पताल में भर्ती पुलिसकर्मियों के पास भी किसी और को जाने नहीं दिया जा रहा है. पूरी कोशिश की जा रही है कि उनकी तस्वीर कोई नहीं ले पाये.