PATNA : एसडीएम के पद पर तैनात बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को लेकर रोज-रोज ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जिससे आम आदमी के होश उड़ जा रहे हैं. फर्स्ट बिहार आज एक और बड़ा खुलासा कर रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं डेहरी के एसडीएम रहे सुनील कुमार सिंह की, जो फिलहाल सस्पेंड हैं और बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के घेरे में हैं.
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फर्स्ट बिहार के पास यह पुख्ता जानकारी है कि बालू माफियाओं के साथ सांठगांठ रखने वाले बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने अपनी पत्नी श्वेता सिंह को 1.7 मिलियन का गिफ्ट दिया. यह बात एसडीओ की सीडीपीओ पत्नी श्वेता सिंह ने खुद स्वीकार की है. श्वेता ने बताया है कि इनके पति ने इन्हें 492 ग्राम सोना का गहना गिफ्ट में दिया, जिसकी कीमत लगभग 17 लाख थी. अभी के हिसाब से देखा जाये तो इस सोने की कीमत लगभग 24 लाख यानी कि दो मिलियन से भी ज्यादा होगी.
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फर्स्ट बिहार को मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एसडीओ सुनील कुमार सिंह और इनकी पत्नी श्वेता सिंह के बैंक खाते, पीएफ खाते, फिक्स डिपॉजिट और एलआईसी समेत अन्य खातों में 55 लाख 50 हजार से ज्यादा रुपये जमा हैं. इतना ही नहीं पटना जिले के पाली की सीडीपीओ श्वेता सिंह के पास शादी में मिला 498 ग्राम सोना का गहना अलग है. इनके पास एक स्कॉर्पियो कार भी है. इनका कहना है कि ये भी गिफ्ट में ही मिला है.
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एसडीओ की पत्नी के पास 15 एकड़ में साढ़े 23 लाख का बगीचा और प्लॉट भी है. जिसमें मछली पालन करने की बात सामने आ रही है. खुद एसडीएम भी पत्नी के जैसे ही सोना-चांदी का गहना रखते हैं. इनके पास 900 सोना और 300 ग्राम चांदी है. यूपी के गाजीपुर में इनके पास 4 मिलियन का प्लॉट है. 13 लाख 10 हजार का एक बिल्डिंग भी है. यहां पटना के दानापुर में भी इन्होने अपार्टमेंट में 30 लाख का एक फ्लैट ख़रीदा है.
गौरतलब हो कि बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में पद से हटाए गए डेहरी के एसडीएम सुनील कुमार सिंह और उनकी सीडीपीओ पत्नी की मुश्कलें बढ़ती जा रही हैं. एसडीओ के बाद उनकी पत्नी के खिलाफ ईओयू कोई बड़ा कदम उठा सकती है. क्योंकि जांच में पता चला है कि सीडीपीओ मैडम के नाम पर करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति है.
ईओयू की जांच में इस बात का पर्दाफाश हुआ है. जांच में मिले साक्ष्य के मुताबिक अधिकांश अचल संपत्तियां उनकी पत्नी श्वेता सिंह के नाम पर खरीदी गई हैं. संपत्तियों के जो मूल्य हैं, उसके मुताबिक उनकी आय नहीं है. ऐसे में आर्थिक अपराध इकाई मैडम को पूछताछ के लिए बुला सकती है. फर्स्ट बिहार आपको बता चुका है कि पटना जिले के पालीगंज में सीडीपीओ श्वेता सिंह के ऑफिस में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दबिश दी थी. श्वेता सिंह के घर पर भी ईओयू की टीम खोजबीन करने गई थी. वहां से कुछ पासबुक और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गए थे. अगर पत्नी के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिले तो ईओयू उनके खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसेगी. एसडीएम पति के पास आय से अधिक संपत्ति वाले मामले में सीडीपीओ श्वेता सिंह को भी अभियुक्त बनाया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले सुनील कुमार सिंह ने ज्यादतर संपत्तियां लखनऊ में खरीद रखी है. लखनऊ के कुछ सोसाइटी में उनके फ्लैट और प्लॉट मिले हैं. इनमें से अधिकांश उनकी पत्नी श्वेता सिंह के नाम पर हैं. सूत्रों के मुताबिक अबतक की जांच में सुनील कुमार सिंह और उनकी पत्नी के नाम जो संपत्तियां मिली हैं, वे आय से सवा करोड़ रुपए से अधिक की हैं. इसके अलावा पत्नी के दफ्तर की तलाशी में कुछ निवेश से संबंधित ऐसे कागजात मिले हैं, जिनका हिसाब संपत्ति विवरणी में नहीं दर्शाया गया है. उन्हें नोटिस देकर इस बाबत पूछताछ के लिए ईओयू जल्द बुला सकती है.
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को एसडीओ सुनील कुमार सिंह के पटना और गाजीपुर के अलावा पालीगंज में भी तलाशी ली गई थी. ईओयू ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित उनके पैतृक आवास पर भी छापेमारी की थी. वहां कमरे की तलाशी लेने के साथ ही घर पर मौजूद एसडीओ से घंटों पूछताछ हुई थी. फर्स्ट बिहार ने आपको बता था कि डेहरी अनुमंडल में कुछ जगहों पर बालू के अवैध उत्खनन एवं गैर कानूनी व्यापार की शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद ईओयू की विशेष टीम ने चिह्नित स्थानों पर बालू के अवैध उत्खनन के धंधे में शामिल लोगों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाने शुरू किए. टीम ने अवैध उत्खनन की कार्यशैली, संदिग्धों, बिचौलियों, अपराधी तत्वों, स्थानीय दबंगों और राज्य और जिला स्तरीय पदाधिकारियों व कर्मियों की भूमिका का सत्यापन करना शुरू कर दिया. तकनीकी ढंग से भी सूचना जुटाई गई.
डेहरी के तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार सिंह को अपने खिलाफ कार्रवाई का पहले से अंदेशा था. लिहाजा उन्होंने पटना स्थित घर से तमाम कीमती सामान हटा दिए थे. यहां तक की टीवी और फ्रिज भी नहीं था. सिवाए कुछ बर्तन और रोजाना उपयोग में आनेवाले सामान ही फ्लैट पर मिले. अधिकारियों का कहना है कि भले ही सामान फ्लैट से हटा लिए गए पर इससे कोई खास फर्क नहीं पड़नेवाला है. उनकी संपत्तियों का आकलन पहले ही किया जा चुका है और वह आय से काफी अधिक है.