BHAGALPUR : बिहार में वेंटिलेटर के सहारे सांसे गिन रही सरकारी चिकत्सा सेवा ने शुक्रवार की रात एक और महिला की जान ले ली. भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गायनी आईसीयू में भर्ती महिला की तडप तड़प कर मौत हो गयी. सूबे के सबसे बडे अस्पतालों में से एक जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिजली कटने से वेंटिलेटर बंद हो गया. नतीजतन वेंटिलेटर के सहारे सांस ले रही महिला तड़प कर मर गयी. इंतिहा देखिये कि इस वाकये के दौरान आईसीयू से डॉक्टर और नर्स दोनों गायब थे.
अस्पताल की बिजली गुल, वेंटिलेटर का बैटरी फेल
दरअसल भागलपुर के बूढ़ानाथ निवासी चंद्रशेखर प्रसाद की 55 वर्षीय पत्नी निर्मला देवी को शुक्रवार की सुबह जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. महिला की हालत गंभीर थी, लिहाजा डॉक्टरों ने मरीज को गायनी आईसीयू में शिफ्ट कर दिया. आईसीयू में तैनात एनेस्थिसिया के डॉक्टर ने मरीज को सी-पैप वेंटिलेटर पर डाल दिया. इसके बाद मरीज की सेहत में सुधार होने लगा.
लेकिन शुक्रवार की रात करीब 8:55 बजे अचानक गायनी आईसीयू की बिजली कट गयी. बिजली कटने के दो से तीन मिनट बाद वेंटिलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया. आईसीयू में जहां हर वक्त डॉक्टर और नर्स को तैनात रहना पड़ता है, वहां कोई डॉक्टर-नर्स नहीं था. महिला के परिजनों ने जब मरीज को छटपटाते देखा तो खुद उसे दूसरे बेड पर लगे वेंटिलेटर तक ले गये. जब तक वे मरीज को दूसरे वेंटिलेटर पर ले जाते, तब तक मरीज की मौत हो गयी.
महिला मरीज की तड़प तड़प कर मौत होने के बाद आईसीयू को जेनरेटर के जरिये बिजली आपूर्ति की गयी. मौत के बाद जब वेटिंलेटर की जांच की गयी तो पता चला कि उसकी बैट्री भी खराब थी. दरअसल सारे वेंटिलेटर में बैट्री लगा होता है ताकि बिजली गुल हो तो भी वेंटिलेटर बंद नहीं हो. लेकिन भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगे वेंटिलेटर की बैट्री खराब थी और किसी को इसकी जानकारी तक नहीं थी. जाहिर है एक बार वेटिंलेटर की खरीद के बाद उसकी जांच करने की जहमत नहीं उठायी गयी थी.
आईसीयू से डॉक्टर-नर्स दोनों गायब थे
किसी भी अस्पताल के आईसीयू में 24 घंटे डॉक्टर और नर्स के तैनात रहने का प्रावधान होता है. लेकिन जब भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बिजली गुल हुई तो नर्स-डॉक्टर की कौन कहे बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी का सुरक्षा गार्ड तक गायब था. महिला के परिजन गार्ड को ढ़ूढ़ते रह गये लेकिन वह नहीं मिलाय आईसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी की जिम्मेदारी वहां तैनात नर्स की थी लेकिन 10 मिनट तक बिजली कटी रही और ऑक्सीजन के अभाव में महिला मरीज तड़पती रही. इस दौरान आईसीयू में तैनात एक भी नर्स नहीं मिली. आईसीयू में 24 घंटे चिकित्सक की तैनाती की जाती है लेकिन कोई डॉक्टर भी वहां नहीं था.
दोषारोपण का सिलसिला शुरू
अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ कुमार गौरव ने कहा कि बिजली गुल होने पर भी वेटिंलेटर को बैटरी के सहारे चलना चाहिये थे. अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि पहली नजर में उन्हें ये मामला बिजली आपूर्ति करने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी, वहां तैनात गार्ड के साथ साथ साथ आईसीयू में ऑन ड्यूटी नर्स और डॉक्टर की लापरवाही का लग रहा है. इस मामले की जांच करायी जायेगी और दोषी पर कार्रवाई की जायेगी. लेकिन काश अस्पताल अधीक्षक ये भी बता पाते कि उनकी कड़ी कार्रवाई के दावे से क्या तड़प कर मर गयी महिला की जान वापस आ जायेगी.