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1st Bihar Published by: Updated Thu, 05 Mar 2020 06:47:56 AM IST
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PATNA : बिहार में संविदा पर कार्यरत कर्मियों कि जल्द ही बल्ले बल्ले होने वाली है। संविदाकर्मियों को राज्य के सरकारी सेवकों वाली सुविधाएं मिल सकती हैं। संविदाकर्मियों की सेवा शर्त और अन्य सुविधाओं को लेकर अध्ययन के लिए बनाई गई हाई लेवल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है।
संविदाकर्मियों की सेवा के संबंध में सरकार की तरफ से बनाई गई हाई लेवल कमिटी के अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। हाई लेवल कमिटी ने संविदा कर्मियों की सेवा को 60 वर्ष तक किए जाने की अनुशंसा की है। सूत्रों के मुताबिक अब संविदा कर्मियों की सेवा का हर साल रिनुअल करने की बाध्यता खत्म करने की बात रिपोर्ट में कही गई है। अन्य सरकारी सेवकों की तरह संविदाकर्मियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष करने की अनुशंसा की गई है। राज्य के सरकारी कार्यालयों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे डाटा इंट्री कर्मी और बोर्ड, निगम व प्राधिकरण में तैनात नियोजित कर्मी के मामले में हाई लेवल कमिटी ने यह अनुशंसा की है। संविदा पर कार्यरत महिलाकर्मियों को मातृत्व अवकाश और सैलरी के हिसाब से महंगाई भत्ता देने की अनुशंसा भी रिपोर्ट में की गई है।
संविदाकर्मियों को अब ईपीएफ का भी लाभ मिल सकेगा। साथ ही साथ उनकी सेवा समाप्ति के लिए सरकार को वही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी जो स्थायी सरकारी सेवक के लिए निर्धारित है। संविदाकर्मियों की मांगों को लेकर अध्ययन के लिए नीतीश सरकार ने इस हाई लेवल कमिटी का गठन किया था। कमिटी ने इसके पूर्व भी अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को दी थी लेकिन अब कमिटी के अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सरकार को दे दी है। माना जा रहा है कि चुनाव के पहले नीतीश सरकार संविदाकर्मियों के लिए बड़े फैसले ले सकती है।