PATNA : कोरोना संकट के बीच बिहार लौटने वाले मजदूरों को लेकर नीतीश सरकार के रवैये की पोल खुल गयी है. बिहार पुलिस के मुख्यालय की ओर से जारी पत्र के मुताबिक बिहार लौटने वाले लोग स्थानीय लोगों के जान-माल के लिए खतरा बन गये हैं. सरकार उन्हें रोजगार उपलब्ध नहीं करा सकती है. लिहाजा वे लूट-पाट करेंगे. ये उस बिहार सरकार का पत्र है जिसके मुखिया नीतीश कुमार ये कह रहे हैं कि मजदूरों को प्रवासी कहना अन्याय है और उनकी सरकार सारे लोगों को रोजगार उपलब्ध करायेगी. इस एक पत्र ने बिहार सरकार की पोल खोल दी है.
इस शर्मनाक पत्र को देखिये
बिहार पुलिस के ADG (लॉ एंड आर्डर) अमित कुमार ने सूबे के सारे सभी डीएम-एसपी को ये पत्र 29 मई को भेजा है. बिहार सरकार के एडीजी कह रहे हैं कि बिहार में प्रवासी मजदूरों की भारी आमद होने क बाद विधि व्यवस्था को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है. इस पत्र की कॉपी बिहार के सारे आलाधिकारियों को भेजी गयी है. साफ है पूरी बिहार सरकार को इस पत्र की जानकारी थी. किसी अधिकारी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लिहाजा सब इससे सहमत भी देखे.
बिहार पुलिस के लेटर का मजमून पढिये -
एडीजी लॉ एंड आर्डर अपने पत्र में लिखते हैं... “पिछले दो महीने में बिहार राज्य में भारी संख्या में लोग आये हैं जो दूसरे राज्यों में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे. गंभीर आर्थिक चुनौतियों के कारण वे सभी परेशान और तनावग्रस्त हैं. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद उन सबों को बिहार में रोजगार मिल पाने की संभावना कम है. इस कारण वे अपना खर्च जुटाने के लिए अनैतिक और विधि विरूद्ध काम में शामिल हो सकते हैं. इससे अपराध में वृद्धि हो सकती है और विधि व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. ये समस्या व्यापक पैमाने पर उत्पन्न हो सकती है.”
बिहार पुलिस मुख्यालय ने सारे जिलाधिकारियों और एसपी को कहा है कि वे प्रवासी मजदूरों से उत्पन्न होने वाली समस्या से निपटने के लिए रणनीति तैयार कर लें. ताकि समय पड़ने पर तत्काल एक्शन में आया जा सके.
नीतीश सरकार के इरादों की खुली पोल
दो दिन पहले नीतीश कुमार जनता के नाम संदेश दे रहे थे. वे कह रहे थे कि बिहार के लोगों को प्रवासी मजदूर क्यों कहा जा रहा है. पिछले एक महीने से नीतीश कुमार ये लगातार दावे कर रहे हैं कि बिहार आने वाले हर मजदूर को यहीं काम दिया जायेगा. लेकिन बिहार पुलिस मुख्यालय के एक पत्र ने उनके सारे दावों की पोल खोल दी है. बिहार सरकार मान रही है कि वो सारे मजदूरों को काम नहीं दे सकती है. सबसे बड़ी बात ये कि अपने ही घऱ में बिहार के प्रवासी मजदूरों को खतरा माना जा रहा है. बिहार पुलिस के मुख्यालय का ये पत्र नीतीश सरकार के लिए भारी परेशानी का सबब बन सकता है.