छिन लिया गया BDO का पावर, बिहार में पंचायती राज के कार्य से अलग हुए BDO, अब पंचायत राज अधिकारी देखेंगे काम

छिन लिया गया BDO का पावर, बिहार में पंचायती राज के कार्य से अलग हुए BDO, अब पंचायत राज अधिकारी देखेंगे काम

PATNA: बिहार में पंचायती राज के कार्य से BDO को अलग कर दिया गया है। यूं कहे तो BDO का पावर कम कर दिया गया है। अब उनकी जगह प्रखंडों में कार्यरत पंचायत राज पदाधिकारी ही काम को देखेंगे।


बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने इस बात की जानकारी दी है। सम्राट चौधरी ने बताया कि इस संबंध में आज ही आदेश जारी किया गया है। अब पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में BDO की जगह प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी कार्य करेंगे। प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को ही कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है। 


गौरतलब है कि इसे लेकर विधानमंडल के मानसून सत्र में पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया गया था। इसी प्रकार जिला परिषद में अब DDC को मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में नहीं रखा जाना है। इसके लिए सभी जिला परिषद के लिए अलग से पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे।


सामान्य प्रशासन विभाग से पदाधिकारी मिलने के बाद इस संबंध में पंचायती राज आदेश जारी करेगा। DDC और BDO के पास पंचायती राज के अलावा भी कई कार्य होते हैं। जिसके कारण पदाधिकारी पंचायत के काम पर अपना पूरा समय नहीं दे पाते थे। जिससे कामकाज पर भी असर पड़ता है।   


 पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने यह भी बताया कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना 24 अगस्त यानी मंगलवार को जारी होनी है। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ग्राम पंचायतों की ओर से नल-जल योजना को छोड़ किसी भी मद में राशि की निकासी नहीं की जा सकती। 


मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। जिसे देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार ने पंचायती राज के कामों से BDO को अलग कर दिया है। बीडीओ की जगह अब उनके कारों को प्रखंडों में कार्यरत पंचायत राज पदाधिकारी देखेंगे।