बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 PURNEA: विद्या विहार आवासीय विद्यालय में जश्न का माहौल, CBSE की 12वीं परीक्षा में शानदार प्रदर्शन
1st Bihar Published by: Updated Tue, 18 Oct 2022 07:51:24 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में यूं तो नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। नक्सल आंदोलन की धार भी बेहद कमजोर पड़ चुकी है और जो जिले कभी नक्सल प्रभावित हुआ करते थे, आज वहां सब कुछ सामान्य नजर आता है। लेकिन केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के पास जो नई जानकारी पहुंची है वह बिहार में नक्सल समस्या को लेकर कान खड़े कर देने वाली है। दरअसल केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को यह इनपुट मिला है कि बिहार में नक्सलियों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है। इस काम में कुछ राजनीतिक दल लगे हुए हैं। इन पॉलिटिकल पार्टियों के जरिए नक्सलियों को फंडिंग की जा रही है और इसकी शुरुआती जानकारी मिलने के बाद एजेंसी आज जांच में जुट गई है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की जानकारी मिली है कि बिहार में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही यहां गुपचुप तरीके से नक्सली मूवमेंट को फंडिंग बढ़ाई जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में जांच को आगे बढ़ा रही हैं। नक्सली मूवमेंट को जो लोग गुपचुप तरीके से फंडिंग कर रहे हैं उन पर इन एजेंसियों की नजर है। आपको बता दें कि इस मामले में एनआईए ने पिछले दिनों विजय आर्य और उमेश को रोहतास में दर्ज एक मामले को लेकर गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए नक्सलियों ने एनआईए को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।
प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमेटी के एक्टिव सदस्य विजय आर्य और उसके सहयोगी उमेश के मुताबिक बिहार में नए सदस्यों की भर्ती के लिए मूवमेंट चलाया गया था। गया और रोहतास जिले में एक्टिविटी हुई थी इसके लिए मोटी फंडिंग भी मुहैया कराई गई थी। इस फंडिंग का इस्तेमाल पर्चे छपवा ने और बाकी नक्सली एक्टिविटी के ऊपर किया गया। जानकारी के मुताबिक के एक बार फिर से लेवी सिस्टम को एक्टिव करने में कुछ लोग लगे हुए हैं कुछ पॉलिटिकल पार्टियां जो बैकअप दे रही हैं उन पर अब एजेंसियों की नजर है।