PATNA : देश में एक तरफ जहां लव जिहाद एक कानून को लेकर बहस छिड़ी हुई है। बीजेपी शासित प्रदेशों ने लव जिहाद के खिलाफ कड़े कानून बनाने के लिए फैसला लेना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ से बिहार में ऐसे किसी कानून के गठन की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है। बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भले ही बिहार में लव जिहाद कानून बनाए जाने की वकालत कर रहे हो लेकिन जेडीयू ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है।
दो दिन पहले गिरिराज सिंह ने कहा था कि बिहार में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाए जाने की जरूरत है। गिरिराज सिंह ने कहा था कि हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर हमारे धर्म पर चोट किया जा रहा है। अब वक्त आ गया है कि लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया जाए। गिरिराज सिंह के इस बयान को लेकर जेडीयू सहमत नहीं नजर आ रहा। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने गिरिराज की इस मांग को यह कहते हुए सिरे से खारिज कर दिया है कि हमें किसी व्यक्ति के बयान को तवज्जो नहीं देनी चाहिए। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति है और इस पर कुछ बोलने का मतलब नहीं बच जाता।
भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार चला रहे जनता दल यूनाइटेड को यह लगता है कि लव जिहाद का मुद्दा उसके लिए मधुमक्खी का छत्ता साबित हो सकता है। अगर इस विवादित मुद्दे में जेडीयू ने हाथ डाला तो फिर उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव को देखते हुए लव जिहाद को एजेंडा बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है जबकि जेडीयू बिहार में फिलहाल इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहता। यही वजह है कि गिरिराज के बयान पर जेडीयू के नेता ना केवल असहज हैं बल्कि जुबान खोलने तक को तैयार नहीं है।