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1st Bihar Published by: Updated Mon, 11 Oct 2021 03:23:33 PM IST
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PATNA : देश भर में बिजली की आपूर्ति को लेकर मचे हाहाकार के बीच बिहार के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा बयान दिया है. सीएम नीतीश ने प्रदेशवासियों को आश्वासन दिया है कि बिहार में बिजली की कमी नहीं होगी. राज्य सरकार दूसरे जगहों से ज्यादा दामों में बिजली खरीद रही है. पिछले दिनों बिजली उत्पादन में कमी आने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
पटना में जनता दरबार कार्यक्रम के समापन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात की और कहा कि 'ये सच है कि बिहार में जितनी बिजली की आवश्यकता है. उतनी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. उसी के कारण समस्या हुई है. जहां ज्यादा दामों में बिजली बेची जा रही है. वहां से महँगी बिजली बिजली खरीदी जा रही है. पहले से सप्लाई कम हुआ है. विभाग लगा हुआ है. जल्द ही परेशानी खत्म की जाएगी. सरकार पिछले 5 दिन में 570 लाख यूनिट बिजली खरीदी गई है. जिसकी कुल लगत लगभग 90 करोड़ रूपया है."
सीएम नीतीश ने कहा कि "ऐसी बात नहीं है कि ये सिर्फ बिहार की स्थिति है. ये सब जगह की स्थिति है. हर जगह बिजली प्रभावित है. सरकार बिजली आपूर्ति के लिए प्रयासरत है. कांटी और बरौनी पावरहाउस को हमने ही शुरू कराया था. बाद में उसे एनटीपीसी के हवाले कर दिया गया. उसे पुनर्जीवित करने या बढ़ाने के लिए भी सरकार ने काम किया. हमने कई नए बिजली घरों का भी निर्माण कराया. बिजली का रेट बहुत ज्यादा महंगा हो गया है लेकिन सरकार आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है."
गौरतलब हो कि केंद्रीय उर्जा सचिव आलोक कुमार ने कहा है कि देश में बिजली की आपूर्ति की स्थिति नियंत्रण में है. उनका यह बयान उर्जा और कोयला मंत्रियों द्वारा कोयले के भंडार की कमी के कारण ब्लैकआउट की चिंताओं को स्वीकार करने के एक दिन बाद आया. औसत बिजली एक्सचेंज 12-13 रुपये प्रति यूनिट की दर से भाव दे रहे हैं. अधिक बिजली सप्लाई से कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है. कोयले का उत्पादन निश्चित रूप से बढ़ेगा.
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत शनिवार को लगभग दो प्रतिशत या 7.2 करोड़ यूनिट घटकर 382.8 करोड़ यूनिट हो गई, जो शुक्रवार को 390 करोड़ यूनिट थी. इसके चलते कोयले की कमी के बीच देशभर में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ. आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार, आठ अक्टूबर को बिजली की खपत 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी. बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई थी.