PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बुधवार को मीटिंग की. इस बैठक में सीएम के सामने काॅम्फेड की ओर से डेयरी डेवलपमेंट से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने 8-10 पंचायतों पर जल्द से जल्द कम से कम एक पशु अस्पताल बनाने का निर्देश दिया. इन अस्पतालों में जानवरों का मुफ्त में इलाज किया जायेगा. साथ ही उनके लिए फ्री में दवाई की भी व्यवस्था की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि राज्य के सभी जिलों, प्रखण्डों, पंचायतों से लेकर सभी गांवों को डेयरी को-ऑपरेटिव नेटवर्क से जोड़ें. सभी गांवों में महिलाओं के लिए अलग से डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी बनायें. जीविका की महिलाओं को भी इसमें शामिल करें. भैंस और गाय के दूध की अलग-अलग उपयोगिता है, जिसे देखते हुये इस संबंध में अध्ययन करायें और उसके आधार पर इसे प्रमोट करें. गाय के दूध के उत्पादन को अलग से और प्रोत्साहित करने की जरुरत है.
इस बैठक में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव श्री एन0 सरवन कुमार भी मौजूद थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन, एनिमल हेल्थ, एनिमल न्यूट्रिशन, प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन पावर डेवेलपमेंट आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी दी. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में सरकार में आने के बाद से ही हमलोगों ने दुग्ध उत्पादन में वृद्धि को लेकर कई कार्य किये हैं. पहले से दुग्ध उत्पादन बढ़ा है लेकिन इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना होगा. डेयरी को-ऑपरेटिव सोसायटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार शुरु से ही प्रयासरत है और इसको लेकर हर तरह का सहयोग कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय-2 के अंतर्गत देशी गौ संरक्षण की योजना है. देशी और स्थानीय गाय के नस्ल को बढ़ावा देने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि भैंस और गाय के दूध की अलग-अलग उपयोगिता है, जिसे देखते हुये इस संबंध में अध्ययन करायें और उसके आधार पर इसे प्रमोट करें. गाय के दूध के उत्पादन को अलग से और प्रोत्साहित करने की जरुरत है. गाय का दूध स्वास्थ्य एवं अन्य दृष्टिकोण से भी उपयुक्त है.