PATNA : केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा बिहार में बुरे दौर से गुजर रही है. दरअसल, बिहार विधानसभा में आज मनरेगा योजना की हकीकत को लेकर आरजेडी के विधायकों ने सवाल किया. आरजेडी विधायक के डॉक्टर रामानुज प्रसाद ने प्रश्नोत्तर काल में सरकार से यह जानना चाहा कि क्या बिहार, गुजरात और मध्यप्रदेश के साथ मनरेगा योजना में सबसे फिसड्डी पायदान पर है. इसके बाद सरकार की तरफ से यह जवाब दिया गया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत बेहतर नतीजे सामने आए हैं.
दरअसल, आरजेडी विधायक ने सदन में जो सवाल किया उसके मुताबिक मनरेगा योजना के तहत लाखों ऐसे मजदूर रहे जिन्हें समय पर काम नहीं मिल पाया. डॉक्टर रामानुज प्रसाद ने इसके लिए एक दैनिक अखबार में छपी रिपोर्ट का हवाला दिया. जवाब में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने 99 फ़ीसदी से ज़्यादा मजदूरों को काम मुहैया कराया.
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जो लोग काम मांगते हैं उनको काम दिया जाता है, लेकिन वह लोग काम करने नहीं आते हैं. मनरेगा में मजदूरी कम होने की वजह से लोग मनरेगा मे काम नहीं कर के दूसरे जगह प्राइवेट में काम कर लेते हैं. मंत्री ने कहा कि जो लोग मनरेगा में काम नहीं कर रहे है वह दूसरी जगह काम कर रहे हैं.
सरकार एक तरफ जहां मनरेगा योजना के तहत राज्य में मजदूरों को लगातार काम मुहैया करने का दावा करती रही. वहीं आरजेडी के दूसरे विधायकों ने भी इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा कि क्या मनरेगा मजदूरों को मिलने वाली राशि बढ़ाई जाएगी. इस पर बिहार सरकार के मंत्री ने केंद्र के पाले में गेंद डाल दी.