PATNA : कोरोना महामारी के कारण बिहार में समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण विधान परिषद की 19 सीटें कल यानी कि 17 जुलाई से खाली हो जाएंगी. इन सभी 19 विधान पार्षदों का कार्यकाल आज 16 जुलाई को खत्म हो रहा है. जिन एमएलसी का सीट खाली हो रहा है, उस लिस्ट में सबसे ज्यादा एनडीए के नेता शामिल हैं. सबसे ज्यादा बीजेपी और जेडीयू के विधान पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है.
बिहार में कल से विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 से घटकर 50 रह जाएगी. बताया जा रहा है कि राज्य में जब तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न नहीं होता, तब तक ये सभी सीटें खाली रहेंगी. गौरतलब हो कि बिहार विधानसभा में पहले से ही 6 सीटें खाली हैं. लिहाजा सदन में कुल खाली सीटों की संख्या बढ़कर 25 हो जाएगी.
गौरतलब हो कि एमएलसी रहे मनोज यादव, दिलीप राय और रीतलाल पिछले साल विधायक बन गए हैं. अब वे निचले सदन के सदस्य हैं. पूर्व एमएलसी हरिनारायण चौधरी और सुनिल कुमार का निधन हो गया है. साथ ही विधानसभा कोटे से निर्वाचित तनवीर अख्तर भी अब इस दुनिया में नहीं रहे. जिसके कारण फिलहाल बिहार विधान परिषद् में 6 सीटें खाली हैं लेकिन ये कल से 25 हो जाएंगी.
कल से बिहार विधान परिषद् में सबसे ज्यादा भाजपा की संख्या पर असर पड़ेगा. क्योंकि सबसे ज्यादा बीजेपी कोटे से आने वाले विधान पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. गौरतलब हो कि स्थानीय निकाय से भारतीय जनता पार्टी के 12 प्रतिनिधि हैं. विधान परिषद में बीजेपी के कुल 26 एमएलसी हैं, लेकिन कल से मात्रा 14 ही रह जायेंगे. बीजेपी की सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के 29 विधान पार्षद हैं, लेकिन कल से इनके भी 6 एमएलसी कम हो जाएंगे. उच्च सदन में जदयू की संख्या घटकर 23 हो जाएगी. महागठबंधन से कांग्रेस के एक और राजद के भी एक एमएलसी की संख्या कम होगी.
जिन विधान पार्षदों का कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म होने जा रहा है, उनमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय, रीना यादव, राधाचरण साह, टुन्ना जी पांडेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी, राजन कुमार सिंह, बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह, हरिनारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल, संजय प्रसाद शामिल हैं. इनके अलावा नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडेय और राजेश राम का भी कार्यक्रम अब खत्म हो जायेगा.