PATNA: बिहार के जिन जेलों में खतरनाक अपराधी सजा काट रहे हैं. वह कोरोना को लेकर सबसे सुरक्षित है. बिहार के जेलों में किसी कैदी के कोरोना संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया है. कोरोना संक्रमण के बीच सबसे सुरक्षित जगह फिलहाल जेल है. संक्रमण नहीं फैलने का सबसे बड़ा कारण है कि कैदी बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं आते हैं. जिससे संक्रमण से वह बचे हुए है. जेल के जवान भी सुरक्षित है.
14 दिन में दूसरे जिलों में कैदी होते हैं ट्रांसफर
इसके बारे में जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा बताते हैं कि 14 दिनों पर कैदियों को दूसरे जेलों में ट्रांसफर किया जाता है. लेकिन पटना में भी एक भी कैदी कोरोना संक्रमित नहीं मिला है. पटना जिले में कैदियों को रखने के लिए तीन क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जो अपराधी गिरफ्तार होकर आते हैं उनको दानापुर, पटना सिटी और फुलवारीशरीफ में 14 दिन रखने के बाद ही दूसरे जेलों में भेजा जाता है.
कई राज्यों में सैकड़ों कैदी कोरोना पॉजिटिव
महाराष्ट्र में कोरोना से कैदियों का सबसे बुरा हाल है. नागपुर सेंट्रल जेल और अकोला का सबसे बुरा है. इन दोनों जेल के कैदियों को मिलाकर करीब 600 से अधिक कैदी कोरोना पॉजिटिव हैं. इसके अलावे 200 जेल स्टाफ हैं. दिल्ली में तिहाड़, रोहिनी और मंडोली जेल की स्थिति भी खराब है. यहां भी सैकड़ों कैदी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. यूपी और मध्य प्रदेश में भी सैकड़ों कैदी कोरोना संक्रमित हैं. लेकिन बिहार में राहत की बात है कि जेलों में संक्रमण नहीं फैला है.