PATNA : बिहार में जानलेवा वायरल बुखार का फैलाव और तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। वायरल की चपेट में आने वाले बच्चे निमोनिया के साथ-साथ फेफड़े के संक्रमण, ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सांस लेने में उन्हें परेशानी हो रही है लिहाजा ज्यादातर बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट कर रखना पड़ रहा है। पटना के सरकारी अस्पतालों से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक में अब इलाज के लिए एडमिट बच्चों की तादाद और बढ़ गई है। एक आंकड़े के मुताबिक पटना के जिन अस्पतालों में बच्चों का इलाज चल रहा है उनमें तकरीबन 40 से 50 फीसदी बच्चे इसी तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं। नीकू और पीकू वार्ड में भर्ती बच्चों को ऑक्सीजन देना जरूरी हो गया है।
पटना के अलावे अब जिलों में भी वायरल बुखार और ब्रोंकाइटिस से पीड़ित बच्चों की तादाद बढ़ रही है। मुजफ्फरपुर में वायरल बुखार और ब्रोंकाइटिस से 107 बच्चे पीड़ित बताए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के आईसीयू में अभी 80 बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर एडमिट हैं। 102 बेड वाले पीकू में फिलहाल 107 बच्चों का इलाज चल रहा है। ब्रोंकाइटिस से पीड़ित ज्यादातर बच्चों को ऑक्सीजन पर रखा गया है। पिछले 24 घंटे में वायरल बुखार से पीड़ित 30 बच्चों को एडमिट किया गया है। राजधानी के पीएमसीएच में 131 बच्चों में से 68 बच्चों का इलाज निमोनिया और सांस की तकलीफ से जुड़ी बीमारी का हो रहा है। उधर एनएमसीएच के पीकू और निक्कू में एक भी बेड खाली नहीं है। शिशु रोग विभाग में 87 बच्चों का इलाज चल रहा है। पटना के आईजीआईएमएस में कुल 71 बच्चे एडमिट हैं। 45 बच्चे नीकू पीकू आईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम पर रखे गए हैं।
फिर से जानलेवा वायरल बुखार को लेकर डॉक्टर खुद परेशान हैं। डॉक्टरों की मानें तो ज्यादातर बच्चों को अस्पताल में तब लाया जा रहा है, जब उन्हें सांस फूलने की तकलीफ हो रही है। वायरल बुखार का कहर पिछले 15 दिनों में रफ्तार के साथ बढ़ा है। बिहार का शायद ही कोई ऐसा इलाका है जहां वायरल बुखार से बच्चे पीड़ित नहीं हैं। छपरा के अमनौर में वायरल बुखार से 3 दिनों के अंदर 3 बच्चों की मौत के बाद वहां मेडिकल टीम कैंप कर रही है। मेडिकल टीम ने इस इलाके में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों का सैंपल लिया है और अब उसकी जांच विशेषज्ञ करेंगे। उधर गोपालगंज में भी वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की तादाद लगातार बढ़ रही है। यहां लगभग 300 बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित बताए जा रहे हैं। उधर पटना एम्स के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ लोकेश तिवारी ने कहा है कि बच्चों में वायरल संक्रमण का प्रकोप बढ़ने का मुख्य कारण अज्ञात वायरस ही है। राज्य के दूरदराज के जिलों में अचानक इसका प्रकोप बढ़ने लगा है। बच्चों के इलाज में देरी होने से सांस की नली में जकड़न फेफड़े के संक्रमण जैसी समस्या बढ़ जाती है।