बिहार में होगी बंपर बहाली, मद्य निषेध और कारा में 1456 पदों को मिली कैबिनेट की मंजूरी, पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय में भी टीचर की होगी नियुक्ति

बिहार में होगी बंपर बहाली, मद्य निषेध और कारा में 1456 पदों को मिली कैबिनेट की मंजूरी, पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय में भी टीचर की होगी नियुक्ति

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें आज कुल 23 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी। बिहार सरकार ने कारा, मद्य निषेध और पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में बहाली का फैसला लिया है। 


कैबिनेट की बैठक में इन विभागों में पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। कारा में 238 क्लर्क और मद्य निषेद विभाग में 1218 कर्मियों को बहाल करने की स्वीकृति मिली है। दोनों विभाग में कुल मिलाकर 1456 पद को सृजित किया गया है। वही पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय में भी शिक्षकों की बहाली होगी। 


मद्य निषेद विभाग के सिपाही संवर्ग के कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए राज्य में 5 ग्रुप सेंटर की स्थापना होगी। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और सहरसा में यह ग्रुप सेंटर बनेगा। इसके लिए 1218 पदों का सृजन किया गया है।  बिहार के जेलों को सुदृढ़ बनाने एवं कार्यों के ससमय निष्पादन के लिए 238 अतिरिक्त लिपिक के पदों की स्वीकृति दी गयी है।


पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित कन्या आवासीय प्लस टू विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली होगी। जवाहर नवोदय विद्यालय या केंद्रीय विद्यालय से सेवानिवृत प्रशिक्षित शिक्षकों को संविदा पर नियोजित करने की स्वीकृति दी गयी है। जब तक उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक इन्हें नियुक्त किया जाएगा। संविदा पर बहाल होने वाले शिक्षकों की अन्य शर्ते हू-ब-हू वही होगी जैसा सामान्य प्रशासन विभाग में विहित है।


बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। जिसमें खान एवं भूतत्व विभाग, गृह विभाग, मद्य निषेध-उत्पाद एवं निबंधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, स्वास्थ्य विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, पथ निर्माण विभाग, उद्योग विभाग, ऊर्जा विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर अपनी मंजूरी दे दी है। दरभंगा और पूर्णिया में नए सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और बिहार सरकार के बीच MOU की स्वीकृति दी गई है।