PATNA : बिहार में बाढ़ के हालात धीरे-धीरे भयावह होते जा रहे हैं। नेपाल के तराई वाले इलाकों में हुई भारी बारिश और सूबे में हो रही लगातार बारिश की वजह से उत्तर बिहार के साथ-साथ पूर्वी बिहार की ज्यादातर नदियों में उफान आया हुआ है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शनिवार को गंडक और कोसी दोनों का डिस्चार्ज काफी ज्यादा बढ़ गया और यह दोनों नदियां खतरे के निशान से दो-दो मीटर ऊपर बह रही हैं। इन नदियों के प्रभाव वाले निचले इलाकों में पानी पहले ही प्रवेश कर चुका है और अब उसका जलस्तर काफी ऊपर जा रहा है।
वाल्मीकिनगर बराज पर गंडक का डिस्चार्ज पौने तीन लाख क्यूसेक तक जा पहुंचा है। गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 99 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कोसी नदी बराह क्षेत्र में 113 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है। इसका डिस्चार्ज लगभग 2 लाख क्यूसेक पहुंच चुका है। बागमती का जलस्तर भी 24 घंटे में काफी ऊपर गया है। सीतामढ़ी के ढेंग में बागमती नदी खतरे के निशान से लगभग सवा मीटर ऊपर जबकि मुजफ्फरपुर में इसका जलस्तर खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर ऊपर है। अन्य नदियों की बात करें तो बूढ़ी गंडक रोसड़ा में खतरे के निशान से 34 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। समस्तीपुर में फिलहाल यह खतरे के निशान से नीचे है। कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान से सवा 2 मीटर ऊपर बह रही है। जयनगर में भी कमला बलान खतरे के निशान से लगभग सवा मीटर ऊपर है। मधुबनी में भूतही बलान में पहली बार इस साल खतरे के निशान के ऊपर बहना शुरू कर दिया है।
उधर शिवहर जिले में बागमती का सुरक्षा बांध तो मोतिहारी जिले में तिलावे नदी का बांध पानी के दबाव से टूट गया है। इससे आसपास के गांवों में तेजी के साथ पानी फैला है। तटबंध टूटने की वजह से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण कोसी सीमांचल और पूर्वी बिहार की नदियां भी अब खतरे के निशान को पार कर गई हैं। निचले इलाकों में पानी फैलने लगा है और लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है हालांकि सरकार की तरफ से गठबंधन पर चौकसी बढ़ा दी गई है। अररिया जिले में बकरा, घाघी, रतवा, परमान और नूना जैसी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है और यहां भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।