बिहार के 8 जिलों में बाढ़ के कहर से 4 लाख लोग हुए प्रभावित, घरों में घुसा पानी और सड़क पर आ गई जिंदगी

बिहार के 8 जिलों में बाढ़ के कहर से 4 लाख लोग हुए प्रभावित, घरों में घुसा पानी और सड़क पर आ गई जिंदगी

PATNA: नेपाल के तराई और बिहार में हो रही तेज बारिश ने बिहार को बाढ़ से बेहाल कर दिया है. बाढ़ के कारण बिहार के आठ जिलों के करीब चार लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है. घर डूबने से आशियाना छिन गया है और लोगों की जिंदगी सड़क पर कट रही है. कई जगहों पर मवेशी और बाढ़ पीड़ित साथ-साथ रह रहे है. 



38 प्रखंड प्रभावित

अब तक बाढ़ से बिहार के आठ जिले बूरी तरह से प्रभावित हुए हैं. आठ जिलों के 38 प्रखंडों की 217 पंचायतों की चार लाख से अधिक आबादी बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है. बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन की ओर से राहत बचाव कार्य चलाया जा रहा है. इसके बारे में आपद विभाग की ओर से बताया गया है कि लोगों के लिए 46 सामुदायिक किचेन चलाए जा रहे हैं, जहां पर अभी 36948 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं. साथ ही पांच राहत शिविर भी चलाए जा रहे हैं.



फरक्का का गेट खोला गया

बिहार में कई नदियां गंगा में मिलती है. जिसके कारण गंगा और उफान पर है. गंगा में बक्सर से लेकर भागलपुर तक कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा का पानी निकालने के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार ने फरक्का बांध के कुछ गेट खोल दिए हैं. जिससे गंगा में पानी कुछ कम होगा. इसके बारे में केन्द्रीय जल आयोग के बताया है कि गंगा नदी फरक्का में लाल निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है. फरक्का में गेट खोलने जाने से जलस्तर में कमी आएगी.


कोसी और वाल्मीकिनगर बराज से छोड़ा गया पानी

नेपाल में हो रही तेज बारिश के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक बराज और कोसी बराज पर पानी का लगातार दवाब बढ़ रहा है. जिसके कारण मंगलवार को गंड़क बराज से रिकॉर्ड 4.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिसके कारण बगहा और वाल्मीकिनगर के सैकड़ों गांवों में गंड़क का पानी घुस गया. यहां पर राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया है. निचले इलाकों से लोगों को बाहर निकाला गया है. वीरपुर में कोसी बराज से 3.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. कोसी बराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज बढ़ने के बाद तटबंध के अंदर बसे गांवों में अफरातफरी मच गई है. 



बिहार में तेज बारिश और बराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण उत्तर बिहार के चंपारण, तिरहुत और मिथिलांचल के इलाकों में बाढ़-कटाव का संकट और गहराता जा रहा है. गंडक,बागमती, बूढ़ी गंडक, लखनदेई, मनुषमारा के साथ साथ अधवारा समूह की नदियां भी तबाही मचा रही हैं. नदियों के उफान के कारण नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुसता जा रहा है.