PATNA : राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी एक बार फिर कैंसिल करने का फैसला किया है। सरकार में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी 30 अगस्त तक रद्द कर दी है। स्वास्थ विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। सरकार की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कोरोना रोकथाम के लिए विशेष चौकसी और स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के कारण छुट्टियां रद्द की गई हैं।
सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक राज्य के सभी चिकित्सा पदाधिकारी, संविदा, नियोजित सहित चिकित्सा पदाधिकारी से लेकर निदेशक प्रमुख तक और प्राचार्य अधीक्षक के साथ-साथ चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जूनियर रेजिडेंट तक की छुट्टियां रद्द की गई हैं। इसके अलावे निदेशक और विशिष्ट चिकित्सा संस्थान की भी छुट्टियां कैंसिल रहेंगी। सरकार ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों, संविदाकर्मियों, पारा मेडिकल्स, जीएनएम, एएनएम, ओटी सहायक, लैब टेक्नीशियन और साथ ही साथ चतुर्थ वर्ग के कर्मियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी है। इस दौरान केवल एजुकेशन और मैटरनिटी लीव की मंजूरी भी दी जाएगी। इसके पहले स्वास्थ्य विभाग ने 30 जून तक के सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द की थी।
डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द किए जाने का बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ यानी भाषा ने विरोध किया है। भाषा के महासचिव डॉ रंजीत कुमार ने कहा है कि रोटेशन के आधार पर डॉक्टरों को सप्ताह में 1 दिन छुट्टी दी जानी चाहिए। डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर काम का अत्यधिक दबाव है और सरकार का यह फैसला और अमानवीयता का परिचायक है। लगातार काम करने से डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बीमार हो रहे हैं और उनकी वर्किंग कैपेसिटी भी कम हो रही है।