PATNA: बिहार में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। विशेषकर, "डिजिटल अरेस्ट" के नाम पर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक 320 से अधिक ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हुई है।
राज्य के सभी 40 साइबर थानों में इस वर्ष अब तक साइबर अपराध से संबंधित 9 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें एटीएम के माध्यम, फोन कर पासवर्ड पूछना समेत अन्य तरीके से ठगी के मामले सबसे अधिक हैं। मगर डिजिटल अरेस्ट के मामले पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 8 से 10 गुना की रफ्तार से बढ़े हैं।
राज्य मे डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट में साइबर अपराधी खुद को पुलिस या कानून प्रवर्तन एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं। वे लोगों को बताते हैं कि वे किसी अपराध में शामिल हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए। ऐसे में लोग इसको लेकर जागरूक रहें।
किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले कॉल या संदेश का जवाब न दें। याद रखें, कोई भी पुलिस अधिकारी कभी भी फोन या वीडियो कॉल पर बयान नहीं लेगा। अगर आपको लगता है कि आप धोखे का शिकार हो रहे हैं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपना रहे हैं। लोग इस तरह की ठगी के बारे में जागरूक नहीं हैं। ऐसे में आसानी से साइबर ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
सरकार और पुलिस विभाग इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। सभी साइबर थानों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि लोगों को सावधान किया जा सके। साइबर धोखाधड़ी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देने की जरूरत है।