बिहार में करप्शन की काली कहानी: अकूत संपत्ति बनाने वाला रेंजर 6 सालों से एक ही पद पर जमा था, 3 जगहों का था चार्ज, उसके संरक्षक को क्यों नहीं पकड़ती सरकार

बिहार में करप्शन की काली कहानी: अकूत संपत्ति बनाने वाला रेंजर 6 सालों से एक ही पद पर जमा था, 3 जगहों का था चार्ज, उसके संरक्षक को क्यों नहीं पकड़ती सरकार

PATNA: बिहार की स्पेशल विजलेंस यूनिट ने आज वन विभाग के एक रेंजर के घर छापेमारी की तो भ्रष्टाचार की काली कमाई देखकर हैरान रह गयी. रेंजर के घर से 80 लाख रूपये की तो सोने-चांदी की ईंट मिली है. 34 लाख कैश और बेहिसाब जमीन-मकान के कागजात बरामद हुए हैं. लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि वन विभाग के एक सामान्य कर्मी को अकूत संपत्ति कमाने का मौका देने वालों पर भी कुछ होगा? या फिर वे फिर किसी नये रेंजर को संपत्ति बनाने के लिए खड़ा कर देंगे.


दरअसल बिहार सरकार की स्पेशल विजलेंस यूनिट यानि SVU ने आज नवादा में वन विभाग के रेंजर अखिलेश्वर प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी में अब तक रेंजर अखिलेश्वर प्रसाद द्वारा  1 करोड़ 30 लाख रूपये से ज्यादा की अवैध कमाई का खुलासा हो चुका है. अभी छानबीन चल रही है जिसमें कई औऱ संपत्ति का विवरण आना बाकी है. SVU की ओऱ से मीडिया को दी गयी जानकारी के मुताबिक अखिलेश्वर प्रसाद के नवादा और पटना के ठिकानों पर छापेमारी की गयी. इसमें 80 लाख रूपये की सोने-चांदी की ईंट बरामद की गयी. छापेमारी करने गयी टीम को 34 लाख रूपये कैश के साथ ही जमीन और मकान के कई कागजात मिले. फॉरेस्ट विभाग के एक सामान्य रेंजर के पास पटना में तीन मंजिला मकान, एक फ्लैट, 12बैंक अकाउंट, 10 पासबुक औऱ कई फिक्स डिपोजिट मिले.


SVU ने मीडिया को बताया कि अखिलेश्वर प्रसाद ने अपने पूरे परिवार के नाम पर करोड़ों रूपये का इनवेस्टमेंट किया है. उसकी जैसे ही फील्ड में पोस्टिंग हुई वैसे ही उसने इनवेस्ट करना शुरू किया. स्पेशल विजलेंस यूनिट अखिलेश्वर प्रसाद द्वारा लगाये गये पैसे की छानबीन करने में लगी है. इसमें कुछ दिन लग सकते हैं. लेकिन इतना तो तय हो गया है कि उसके पास अकूत संपत्ति है.


क्या रेंजर अपने बूते कमा रहा था इतना पैसा

लेकिन इस रेड के पीछे छिपी बात सामने नहीं आ रही है. हम आपको डिटेल में समझाते हैं. नवादा का रेंजर अखिलेश्वर प्रसाद पिछले 6 साल से एक ही जगह पर जमा हुआ था. बिहार सरकार का नियम है, तीन साल की पोस्टिंग के बाद कर्मचारी-अधिकारी की ट्रांसफर कर देना. लेकिन अखिलेश्वर प्रसाद को अगर एक ही जगह पर 6 साल से छोड़ दिया गया था तो इसका मतलब साफ है-कृपा उपर से बरस रही थी. दिलचस्प बात देखिये-रेंजर अखिलेश्वर प्रसाद को तीन रेंज का प्रभार एक साथ सौंप दिया गया था. वह भी नवादा के रजौली औऱ दूसरे वैसे इलाकों में जो वन विभाग में सबसे मलाईदार जगह माना जाता है.


उसके घर हुए रेड के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. क्या सरकार वैसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जिनके बूते अखिलेश्वर प्रसाद इतना पैसा कमा पाया. मामला सिर्फ अखिलेश्वर प्रसाद का नहीं है. बिहार में ऐसे कई भ्रष्ट अफसर पकड़े गये हैं जिनकी कुंडली खंगालने पर ये पता चला कि वे उपर वालों की कृपा से एक ही स्थान पर जमे थे. नियमों को ताक पर रख कर उन्हें मलाईदार जगह पर तैनात किया गया था. लेकिन ऐसे तमाम मामलों में छोटी मछली पर कार्रवाई कर मगरमच्छों को छोड़ दिया गया. रेंजर अखिलेश्वर प्रसाद के मामले में भी ऐसा ही होने जा रहा है.