बिहार में इलाज के लिए भटक रहे संक्रमित पुलिसवाले, नीतीश सरकार से पुलिस अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल बनाने की मांग

बिहार में इलाज के लिए भटक रहे संक्रमित पुलिसवाले, नीतीश सरकार से पुलिस अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल बनाने की मांग

PATNA :  बिहार में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है. राज्य में बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. जबकि इन दिनों रोज चार दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. सूबे में नेता, अधिकारी और पुलिसकर्मी भी लगातार इसकी चपेट में आ रहे हैं. बिहार में अब तक 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से कई ऐसे पुलिसवाले हैं, जो ठीक हो चुके हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं, जो इलाज के लिए भटक रहे हैं. अस्पतालों में उन्हें बेड नहीं मिल रहा है. कोरोना से जंग जीतने के लिए वे इधर-उधर भटक रहे हैं. इसलिए पुलिस अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल बनाने की मांग हो रही है. 


पिछले दिनों बिहार के डीजीपी एसके सिंघल के आदेश के बावजूद भी बिहार में कोरोना संक्रमित पुलिसवालों के इलाज की समुचत व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जिसे लेकर एक बार फिर से बिहार पुलिस एसोसिएशन ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पत्र लिखा है. इस पत्र में पुलिस एसोसिएशन ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है और राज्य सरकार से पटना स्थित पुलिस अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल घोषित करने की मांग की है ताकि संक्रमित पुलिसवाले और उनके परिवार के संक्रमित लोगों की इलाज संभव हो सके. 


पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह की ओर से स्वास्थ्य मंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि "लोकतांत्रिक व्यवस्था में पुलिसतंत्र सरकार का रीढ़ होता है. हर विषम परिस्थिति में अपने परिवार से दुर जान हथेली पर लेकर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहते है. क़ानून की रक्षा और जनता की सुरक्षा में हर तरह के संघर्षों से जूझते हुए अपना कर्तव्य धर्म निभाते रहते है. वर्तमान में कोरोना से पीड़ित कई पुलिसकर्मी अपने प्राणो की आहुति दे दिए."


"वर्तमान विश्वव्यापी विपदा कोविड से करोना योद्धा पुलिसकर्मी और उनके परिवार कोरोना पोज़ेटिव होकर प्रभावित हो रहे है. वे और उनका परिवार दहशत में जी रहा है. इलाज के लिए उन्हें भटकना पड़ रहा है. अनेकों लोग घर में रहकर स्वयं इलाजरत है. पुलिसकर्मीयो को बेहतर इलाज के लिए पटना एसएसपी ऑफिस और बी॰एम॰पी॰ कैम्पस स्थित अस्पतालों को कोविड अस्पताल घोषित किया जाये."


"इन दोनों अस्पतालों में सारी सुविधाओं के साथ इलाज हेतु आदेश निर्गत करने की कृपा की जाए.अस्पताल में पर्याप्त डाक्टर और नर्स के साथ समुचित आक्सीजन और दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाए, जिससे कोरोना पीड़ित पुलिसकर्मी और उनके परिवार के जान की रक्षा हो सके.सम्भव हो तो प्रमंडल स्तर पर भी व्यवस्था किया जाए."


आपको बता दें कि दो दिन पहले ही बिहार पुलिस के मुखिया डीजीपी एसके सिंघल ने की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिए गए हैं. कोरोना पॉजिटिव पुलिसवालों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी. इस मीटिंग के बाद पुलिसवालों को दस बड़े निर्देश भी दिए गए थे. 


गौरतलब हो कि पुलिस अधिकारियों के संगठन बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने सोमवार को कहा है कि ये बड़ी अजीब स्थिति है कि कई बार फोन लगाने पर भी डीजीपी फोन नहीं उठा रहे हैं. मृत्युजंय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में बडे पैमाने पर पुलिसकर्मी कोरोना के शिकार बन रहे हैं. कम से कम तीन इंस्पेक्टर औऱ सब इंस्पेक्टर कोरोना के कारण मर चुके हैं. सैकडों पुलिसकर्मी बीमार हैं. पुलिसकर्मी अपनी पीड़ा डीजीपी को बताना चाहते हैं लेकिन डीजीपी फोन ही नहीं उठा रहे हैं.


बिहार पुलिस एसोसिएशन ने अब डीजीपी को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर अपनी पीड़ा सुनायी है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि जब कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा है. अपने मैसेज में उन्होंने लिखा है कि कोरोना योद्धा पुलिसकर्मी और उनके परिजनों पर कोरोना कहर बरप रहा है. लेकिन उन्हें इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है. लिहाजा उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. ऐसे में आपसे आग्रह है कि पुलिसकर्मियों और उनके परिजनों के इलाज के लिए हॉस्पिटलों में कुछ बेड उपलब्ध कराया जाये.