बीजेपी के एक औऱ मंत्री ने कहा- सूबे में लगे संपूर्ण लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू से नहीं संभलेंगे हालात

बीजेपी के एक औऱ मंत्री ने कहा- सूबे में लगे संपूर्ण लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू से नहीं संभलेंगे हालात

PATNA : बिहार में कोरोना के कहर  के बीच नाइट कर्फ्यू लगाने के सरकारी फैसले पर बीजेपी के एक औऱ नेता ने सवाल उठाया है. राज्य सरकार में मंत्री रामसूरत राय ने कहा है कि बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिये. कोरोना से जिस कदर हालात बिगड़ रहे हैं उसे नाइट कर्फ्यू से नहीं संभाला जा सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नाइट कर्फ्यू पर सवाल उठाया था, जिसके बाद जेडीयू के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


मंत्री बोले- हालात बेहद खराब
बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि सूबे में हालत बेहद खराब हो चुके हैं. मंत्री ने कहा कि उनके पास हर रोज 50 से ज्यादा कॉल आ रहे हैं जिसमें लोग इलाज की व्यवस्था कराने की गुहार लगा रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि सारी व्यवस्था कम पड़ गयी है. इसलिए राज्य सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिये. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया है. ऐसे में जैसे दिल्ली औऱ झारखंड जैसे राज्यों ने लॉकडाउन लगाया है वैसे ही बिहार में भी लगाया जाना चाहिये.


क्या फिर भड़केगा जेडीयू
गौरतलब है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार में नाइट कर्फ्यू को बेमानी करार देते हुए लॉकडाउन लगाने की मांग की थी. उन्होंने सर्वदलीय बैठक में ये मांग की थी. लेकिन सरकार ने उनकी राय नहीं मानी थी. बाद में संजय जायसवाल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपनी आपत्ति जतायी थी. संजय जायसवाल ने कहा था कि लॉकडाउन नहीं लगाया गया तो बिहार में छत्तीसगढ़ औऱ महाराष्ट्र जैसे हालात हो जायेंगे. इसके बाद जेडीयू नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया था. जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें राजनीति न करने की सलाह दी थी तो सांसद ललन सिंह ने लॉकडाउन की मांग करने वालों को अखबारी नेता करार दिया था. अब रामसूरत राय ने भी यही मांग कर दी है, सवाल है क्या फिर से जेडीयू नेता उन पर हमला बोलेंगे.


वैसे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक़डाउन को अंतिम विकल्प के तौर पर उपयोग करने की नसीहत राज्य सरकारों को दी है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकारों को लॉकडाउन लगाने के बजाय कंटेनमेंट जोन बनाने पर जोर देना चाहिये.