PATNA : बिहार की सियासत में जो चर्चा गर्म है, क्या उसकी शुरूआत हो चुकी है. चर्चा गर्म है कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है. आज इसकी झलक भी मिल गयी. बीजेपी के एक एमएलसी ने नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिया है. इसके बाद भड़के जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से सीधा सवाल पूछा है. कहा है कि अगर जेडीयू के किसी नेता ने ये बयान दिया होता तो क्या होता.
शुरू हो गया घमासान
जेडीयू औऱ बीजेपी में ताजा घमासान एमएलसी टुन्नाजी पांडेय के बयान से शुरू हुआ है. बीजेपी के एमएलसी टुन्ना जी पांडेय ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं. टुन्नाजी पांडेय ने कहा कि जनता ने तो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था. लेकिन सरकारी तंत्र का दुरूपयोग करके नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन कर राज कर रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा भड़के
बीजेपी के एमएलसी के बयान के बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड़ के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भड़क गये हैं. ट्वीटर पर उन्होंने बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल से सीधा सवाल पूछा है. उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा है“यह बयान आप तक भी पहुंच ही रहा होगा, संजय जायसवाल जी. ऐसा बयान अगर किसी जद(यू) के नेता ने भाजपा या उसके किसी नेता के बारे में दिया होता तो......अबतक.........!”
जाहिर है उपेंद्र कुशवाहा ने बगैर कुछ कहे सब कुछ कह दिया है. इशारों में वे कह गये हैं कि बीजेपी नेतृत्व की सहमति से ही ऐसे बयान दिलवाये जा रहे हैं. अगर ऐसी बात जेडीयू के किसी नेता ने कही होती तो उसके खिलफ बीजेपी ने हंगामा खड़ा कर दिया होता.
गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा पहले भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से भिड़ चुके हैं. जेडीयू में एंट्री के बाद उन्होंने दो दफे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधा है. बिहार में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद जब संजय जायसवाल ने नाइट कर्फ्यू पर सवाल खड़े करते हुए लॉकडाउन की मांग की थी तो उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें राजनीति नहीं करने की नसीहत दी थी. इसके बाद जब बिहार में लॉकडाउन का एलान किया गया तो संजय जायसवाल ने उपेंद्र कुशवाहा को जवाब दिया था.
वैसे भी सियासी गलियारे में ये चर्चा गर्म है कि बीजेपी औऱ जेडीयू के बीच रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं. आलम ये है कि नीतीश कुमार बीजेपी के किसी सीनियर नेता से बात ही नहीं कर रहे हैं. जबकि बिहार बीजेपी के सारे फैसले दिल्ली से ही लिये जा रहे हैं. वहीं नीतीश कुमार सरकारी बैठकों में बिहार में बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम औऱ दूसरे मंत्रियों से औपचारिक बात जरूर कर रहे हैं लेकिन इसके अलावा औऱ कोई बात नहीं हो रही है.