PATNA : सरकार और बिजली कंपनियों की लाख कोशिशों के बावजूद बिहार में बिजली की चोरी रोकना एक बड़ी चुनौती है। बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अब विशेष कैडर बनाने जा रही है। यह कैडर विद्युत निरीक्षणालय के तहत का करेगा। इस कैडर के कर्मी बिजल कंपनी के बदले ऊर्जा विभाग के अधीन काम करेंगे। कैडर बनाने की तैयारी विभागीय स्तर पर की जा चुकी है। जल्द कैबिनेट में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक कैडर में हर जिले में एक विशेष इकाई काम करेगी। इस विशेष इकाई के मुख्य अधिकारी अधीक्षण अभियंता होंगे। उनके अधीन कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता होंगे। इंजीनियरों के अलावा चतुर्थवर्गीय कर्मी और डेटा इंट्री ऑपरेटर भी होंगे। इन सभी पदों को मिलाकर राज्य भर में 300 से अधिक लोगों की बहाली की जा सकती है। नाम के अनुसार कैडर का काम भी होगा। बिजली कंपनी सप्लाई के अलावा बिजली चोरों के खिलाफ छापेमारी किया करती है, लेकिन विभाग का यह कैडर केवल छापेमारी का ही काम करेगा। ना केवल उपभोक्ताओं की ओर से की जाने वाली चोरी बल्कि कंपनी के कर्मियों की ओर से किए जा रहे गलत कार्यों पर भी यह नजर रखेगा। शिकायत मिलने पर कंपनी के आला अधिकारियों को सूचना देकर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार को भरोसा है विभाग का विशेष कैडर बिजली चोरों पर अंकुश लगाने में कामयाब हो सकेगा।
बिहार में फिलहाल 30 फीसदी से अधिक बिजली का नुकसान है। इसमें तकनीकी के साथ-साथ व्यावसायिक दोनों नुकसान शामिल हैं। इस कारण बिजली कंपनी को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। नुकसान के कारण ही बिजली कंपनी को राज्य सरकार से हर साल हजारों करोड़ का अनुदान लेना पड़ता है। अगर बिजली कंपनी सभी लोगों को बिजली बिल दे और उसकी बिल वसूली भी सुनिश्चित करे तो कंपनी मुनाफे में आएगी और इसका लाभ यह होगा कि लोगों को और सस्ती बिजली मिल पाएगी। इसी नुकसान की भरपाई विभाग का यह कैडर बिजली चोरों के खिलाफ कार्रवाई कर करेगा।