ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बारात में अवैध हथियार लहरा हीरो बनना पड़ा भारी, वीडियो वायरल होने पर अब होगी तगड़ी खातिरदारी Vigilance Report on corruption in Bihar: दागी अफसरों पर बड़ी कार्रवाई! अब नहीं मिलेगा प्रमोशन, सबसे ज्यादा फंसे इस विभाग के कर्मचारी Bihar News: गया में पुलिस की गुंडागर्दी, आर्मी जवान को पीटा.. कमर में गमछा बांध लाए थाने DRDO Humanoid Robot: बॉर्डर के लिए तैयार किए जा रहे 'आयरन मैन', जवानों की सुरक्षा के साथ दुश्मनों की बर्बादी की पूरी तैयारी Bihar News: सरकारी सिस्टम में बड़ी लापरवाही? 15 अफसरों को मिला नोटिस, 7 दिन में देना होगा जवाब! Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान Bihar job update : बिहार में जल्द होगी 22,089 नर्सों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का ऐलान Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा Cooperative Banks loan in Bihar: बिहार के 15 जिलों में खुलेंगे सहकारी बैंक, एक लाख लोगों को मिलेगा लोन Boycott Turkish Products: भारत में शुरू हुआ तुर्की का आर्थिक बहिष्कार, 2023 में हमारी दरियादिली देखी, अब भुगतो नाराजगी

बिहार में बंगले का खेल बेहद दिलचस्प है, हाल.. इसकी टोपी उसके सिर

1st Bihar Published by: Updated Mon, 21 Nov 2022 12:44:13 PM IST

बिहार में बंगले का खेल बेहद दिलचस्प है, हाल.. इसकी टोपी उसके सिर

- फ़ोटो

PATNA : बिहार की सियासत पूर्व डिप्टी सीएम के सरकारी बंगले को लेकर गरमाई हुई है. बीजेपी के दोनों पूर्व डिप्टी सीएम को आवास खाली करने का नोटिस मिलने के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई. देखा जाए तो सरकारी आवास या बंगले को लेकर विवाद कोई नया नहीं है. जब भी बिहार में सत्ता का परिवर्तन हुआ, बंगले को लेकर राजनीति देखने को मिली है. कभी बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बीच विवाद देखने को मिला था. तब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया था. हालांकि तेजस्वी को तब जुर्माने के साथ बंगला खाली करना पड़ा था. बिहार में सत्ता परिवर्तन और अलग-अलग गठबंधन की सरकार बनने की वजह से पूर्व डिप्टी सीएम और पूर्व मंत्रियों की भरमार है. 5 साल के अंदर दो दफे बिहार में सरकार बदल जाती है. नतीजा यह होता है कि पूर्व माननीयों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है और सरकारी बंगला कम होने की वजह से विवाद बढ़ता जा रहा है. जो सत्ता में होता है और अचानक से विपक्ष में पहुंच जाता है वह बंगला खाली करने में वक्त लगाता है और सरकार में आए नए माननीय इस के इंतजार में बैठे रहते हैं.



बड़े सरकारी आवास यानी बंगले को स्टेटस सिंबल भी माना जाता है. राजनेता भले ही अपनी कुर्सी पर रहे या ना रहे लेकिन सरकारी बंगला खाली करने में वह जल्दबाजी नहीं दिखाते और यही बंगला कई बार सियासी विवाद का कारण बन जाता है. पूर्व डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद और रेनू देवी को जिस तरह बंगला खाली करने का नोटिस मिला और जुर्माना भी लगाया गया, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सरकार में चाहे कोई भी रहे, विपक्ष में चाहे कोई भी बैठे लेकिन बंगले का मोह खत्म नहीं होता. विवाद केवल बीजेपी के दोनों पूर्व डिप्टी सीएम के बंगले से ही जुड़ा नहीं है. हालत यह है कि बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी विधायक वाले छोटे से आवास में रह रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष का आवास उन्हें नहीं मिला है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अभी उसी आवास से काम करते हैं. दरअसल विजय कुमार सिन्हा को जो आवास नेता प्रतिपक्ष के तौर पर आवंटित किया गया है वह पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आवास था. तब नेता प्रतिपक्ष थे एक पोलो रोड आवास अभी खाली नहीं हुआ है. लिहाजा विजय कुमार सिन्हा इसके इंतजार में बैठे हैं. जब तक तेजस्वी अपना आवास खाली नहीं करेंगे तब तक स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को उनका अध्यक्ष वाला आवास नहीं मिलेगा. उधर बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी अपने पुराने आवास में रह रहे हैं. देवेश चंद्र ठाकुर को इंतजार है कि पूर्व कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह कब अपना बंगला खाली करेंगे. माना जा रहा है कि अवधेश नारायण सिंह इस महीने के आखिर तक सरकारी बंगला खाली कर देंगे. इसके बाद ही देवेश चंद्र ठाकुर को सभापति वाला बंगला मिल पाएगा. 



पूर्व डिप्टी सीएम रेनू देवी अपने ऊपर जुर्माना लगाए जाने के बाद जब नाराज हुई थी तो उन्होंने कहा था कि पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन का बंगला उन्हें आवंटित किया गया. शाहनवाज हुसैन ने बंगला खाली किया नहीं तो वह कहां रहती. बंगले का खेल बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा है जैसे इसकी टोपी उसके सर. जब तक रेणु देवी अपना आवास खाली नहीं करेंगे तब तक तेज प्रताप यादव को आवास नहीं मिलेगा. तेजस्वी यादव को आवास तब तक नहीं मिलेगा जब तक पूर्व डिप्टी सीएम किशोर प्रसाद पांच देश रत्न आवास को खाली नहीं कर देते हैं. जेडीयू कोटे के मंत्रियों के साथ कोई ज्यादा परेशानी नहीं है. जेडीयू के सभी मंत्री पिछले सरकार में भी थे और अब भी उन्हें कंटिन्यू रखा गया है. ऐसे में उनके आवास के साथ भी कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है. असल चुनौती आरजेडी के नए मंत्रियों को बंगला मुहैया कराने का है. आपको बता दें कि सरकारी बंगले को लेकर ही पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक से ठीक पहले दो मंत्रियों के बीच भिड़ंत हुई थी. विवाद के मूल में सरकारी बंगला था. आरजेडी के 11 मंत्री इस बात को लेकर नाराज थे कि बीजेपी के मंत्रियों से बंगला क्यों नहीं खाली कराया जा रहा है. तब बीजेपी कोटे के मंत्री ने कुछ ऐसी बात कही जिस पर आरजेडी कोटे के मंत्री भड़क गए थे. बाद में ये विवाद तेजस्वी यादव के कान तक पहुंचा और आखिरकार तय किया गया कि बीजेपी के पूर्व मंत्रियों से बंगला खाली कराया जाए.