बिहार में बन गया खेल विभाग, काम का हुआ बंटवारा; इन्हें मिली बड़ी ज़िम्मेदारी

बिहार में बन गया खेल विभाग, काम का हुआ बंटवारा; इन्हें मिली बड़ी ज़िम्मेदारी

PATNA : लंबे समय से खेल को लेकर संसाधनों और तमाम चीजों की कमी से जूझ रहे बिहार के खिलाड़ियों के लिए यह काफी अच्छी खबर है। अब सुबह में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए खेल विभाग अस्तित्व में आ गया है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग में खेल विभाग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। सोमवार को नीतीश कैबिनेट ने खेल विभाग के गठन के प्रस्ताव पर समिति थी। 


दरअसल, अब तक खेल विभाग तथा खेल से जुड़े कार्य और योजनाओं का संचालन कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तहत होता था। लेकिन, अब खेल विभाग अलग और स्वतंत्र रूप से काम करेगा। नवगठित खेल विभाग राज्य का 45 वां विभाग होगा। ऐसे में  राज्य सरकार ने आईएएस बी राजेंदर को खेल विभाग का पहला प्रभान सचिव नियुक्त किया है।


मालूम हो कि डॉ. बी राजेंदर 1995 बैच के आईएएस अधिकारी है। इन्हें खेल विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। अभी वह सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव हैं। उनके पास जन-शिकायत, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी और श्रम संसाधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार पहले से मौजूद है। वहीं, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी महेंद्र कुमार को खेल विभाग के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।


वहीं, कला संस्कृति युवा एवं खेल विभाग में पूर्व से नियुक्त कर्मियों-पदाधिकारियों का भी बंटवारा होगा। इस नए विभाग में काम करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। जब तक खेल विभाग के लिए अलग से बजट की व्यवस्था नहीं होती है तब तक कला संस्कृति विभाग के बजट से ही खेल विभाग की गतिविधियों और कार्यालय संबंधित कार्य किए जाएंगे।


आपको बताते चलें कि, कैबिनेट विभाग की अधिसूचना के अनुसार खेल विभाग खिलाड़ियों के कल्याण के साथ ही खेलों के विकास से संबंधित सभी कार्य करेगा। खेलों के विकास के लिए नई आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और पूर्व से गठित संरचनाओं की देखभाल करेगा। खेलकूद के लिए विश्वविद्यालय के गठन के साथ खेलों के विकास में लगी संस्थाओं के निबंधन, विभाग के लिए कर्मियों की नियुक्ति नियोजन उनकी सेवा शर्तों का गठन भी खेल विभाग ही करेगा। विभाग के लिए भवन के साथ ही अन्य उपस्कर की आवश्यकताओं की पूर्ति भवन निर्माण विभाग करेगा।