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1st Bihar Published by: Updated Mon, 13 Jan 2020 08:54:41 AM IST
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PATNA : सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद बिहार में बालू माफिया का रुतबा कम नहीं हो रहा है। राज्य के बालू घाटों की बंदोबस्ती में एक बार फिर से माफिया का बोलबाला देखने को मिल रहा है। पटना के अलावे भोजपुर, अरवल, गया, लखीसराय, जमुई, रोहतास, बांका, नवादा, नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, औरंगाबाद और किशनगंज जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती का काम चल रहा है लेकिन बालू माफिया ने कारोबारियों को इस धंधे में एंट्री नहीं लेने दे रहा।
खबरों के मुताबिक पहले चरण में जिन 440 बालू घाटों की बंदोबस्ती की जा रही है उनमें से केवल 181 बालू घाटों की बंदोबस्ती अब तक हो सकी है। इन घाटों की बंदोबस्ती से सरकार को अब तक 2 हजार 90 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। बंदोबस्ती कि इस प्रक्रिया में बालू माफिया बड़ा खेल खेल रहा है। बालू उनके कारोबार में नए कारोबारी ना आएं इसलिए माफिया की तरफ से डाक में ऊंची बोली लगवा कर बंदोबस्ती प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है।
खास बात यह है कि ऊंची बोली लगाकर बालू घाट नहीं लेने वालों का मकसद नीलामी प्रक्रिया को बाधित करना है। नियमों के मुताबिक अगर बोली लगाने के बावजूद कोई पूरी रकम जमा नहीं करता है तो उसकी सुरक्षित जमा राशि जप्त कर ली जाती है। बालू माफिया अपने ही लोगों से ऊंची बोली लगाकर यह पूरा खेल खेल रहा है बालू माफिया का असल मकसद नीलामी प्रक्रिया को बाधित कर बाद में घाटों की बंदोबस्ती अपने नाम करा लेने की है। माफिया के इस खेल की वजह से नए और छोटे कारोबारियों को मुंह की खानी पड़ रही है।