PATNA : कोरोना काल में छायी मंदी के बीच रियल एस्टेट सेक्टर को अब बालू की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। 1 जुलाई से बालू के खनन पर 3 महीने के लिए रोक लग जाएगी। एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक जुलाई से लेकर सितंबर महीने तक के बालू का खनन नहीं किया जा सकता। कोरोना संक्रमण के कारण मार्च और अप्रैल महीने के अंदर बालू खनन का काम पहले ही बाधित था लिहाजा बालू का भंडारण पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाया है।
माना जा रहा है कि बालू खनन का काम रुकने के साथ थी बिहार में इस की किल्लत शुरू हो जाएगी। पर्याप्त स्टॉक नहीं होने के कारण कीमतें भी बढ़ेंगी और निर्माण कार्य भी प्रभावित होगा। बालू घाट के बंदोबस्तधारियों ने अपने स्तर से बालू का भंडारण कर रखा है लेकिन कई जगहों पर खुदरा विक्रेताओं को लाइसेंस नहीं मिलने के कारण इसकी बिक्री में परेशानी हो रही है। कोरोना की शुरुआत के साथ 22 मार्च से लेकर अप्रैल के आखिर तक बालू खनन का काम बंद था। 5 मई से कुछ घाटों पर बालू खनन का काम शुरू हुआ और 15 मई के बाद देश में तेजी आई लेकिन अब एक बार फिर से 3 महीने तक खनन का काम बंद रहेगा।
बालू की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण पहले ही खत्म हो चुका है। बाजार में मांग के हिसाब से बालू की कीमतें तय हो रही हैं ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि आगे आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में तेजी दिखेगी। सरकार का कहना है कि बंदोबस्तधारियों को घाट के किनारे 300 फीट बालू के भंडारण की अनुमति दी गई है। इसके अलावा शहर और अन्य इलाकों पर भंडारण के लिए लाइसेंस दिए गए हैं। दावा है कि 400 लोगों को खुदरा भंडारण और बालू बिक्री का लाइसेंस दिया गया है।